झज्जर में तैयार हुआ सूबे का पहला फ्लावर एक्सीलेंसी सेंटर, देशी- विदेशी फूलों की खेती कर मालामाल बनेंगे किसान

झज्जर | हरियाणा की मनोहर सरकार परम्परागत खेती की बजाय बागवानी और ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में हरसंभव प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में झज्जर जिले के मुनीमपुर गांव में प्रदेश का पहला फ्लावर एक्सीलेंसी सेंटर बनकर तैयार हो गया है. इजरायली तकनीक से बनी यह हाईटेक नर्सरी देसी- विदेशी फूलों की महक से खिल उठेगी.

Flower Garden

इस हाईटेक नर्सरी में देश की प्रचलित फ़ूल प्रजातियां ही नहीं बल्कि न्यूजीलैंड, बैंकॉक, थाईलैंड, हॉलैंड और नीदरलैंड के फूलों की भी पौध तैयार की जाएगी. इस नर्सरी में एक साथ 6 लाख पौधे तैयार करने की व्यवस्था होगी. इन पौधों की किसान अपने खेतों में खेती करेंगे और फूलों को बेचकर मोटा मुनाफा कमा सकेंगे.

बता दें कि मुनीमपुर गांव की करीब 13 एकड़ भूमि पर तैयार किए गए प्रदेश के इस पहले फ्लावर एक्सीलेंसी सेंटर पर लगभग 10 करोड़ रूपए की लागत राशि खर्च हुई है. साल 2017 में बादली से विधायक और वर्तमान में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने इस फ्लावर एक्सीलेंसी सेंटर की नींव रखी थी.

इसी साल सर्दियों से पहले यहां देसी और विदेशी फूलों की कई प्रजातियों की पौध तैयार की जाएगी और किसानों को उगाने के लिए उपलब्ध करवाई जाएंगी. इतना ही नहीं, अपने खेत मे फूलों की पौध लगाने के लिए एडवांस बुकिंग भी कर सकते हैं. किसानों को एक से डेढ़ रुपए तक की कीमत पर फूलों की पौध यहां उपलब्ध हो जाएगी.

इजरायली तकनीक से हुआ है तैयार

हरियाणा बागवानी विभाग की ओर से बनाए गए फूल एवं बीज उत्पादन तकनीकी उत्कृष्टता केंद्र में इजरायली तकनीकी से लैस दो नेट हाउस , दो पोली हाउस बनाए गए हैं जो 2- 2 हजार स्क्वायर मीटर के हैं. 9 एकड़ भूमि का खुला एरिया भी रखा गया है. इंफ्रास्ट्रक्चर के बाद अब हाईटेक पोलीहाउस का ट्रायल भी लिया जा चुका है और जल्द ही यहां फूलों की पौध तैयार करने का प्रयोग शुरू किया जाएगा.

वहीं, किसानों को फूलों की खेती के प्रति आकर्षित करने के लिए सेमिनार आयोजित किए जाएंगे. इसके अलावा, स्पेशल प्रशिक्षण शिविर का आयोजन भी होगा. आने वाले 6 महीने के भीतर इस प्रोजेक्ट को धरातल पर अमलीजामा पहना दिया जाएगा.

किसानों को किया जाएगा जागरूक

इस फ्लावर एक्सीलेंसी सेंटर पर एक हाईटेक पोली हाउस तैयार किया गया है. जिसमें इजरायल से लाई गई मशीनों के जरिए सिंचाई, कीटनाशक दवाओं के छिड़काव और खाद पौधों तक पहुंचाई जाएगी. इस पॉलीहाउस में वातावरण एडजस्ट करने के लिए कूलर और हीटर लगाए गए है. यहां प्रतिकूल स्थिति में भी फूलों के पौधों को नुकसान की स्थिति से बचाया जा सकेगा.

बागवानी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि किसानों को पारम्परिक खेती का त्याग कर बागवानी और ऑर्गेनिक खेती के लिए जागरूक किया जाएगा. उन्होंने बताया कि बाजार में फूलों की मांग बनी रहती है. ऐसे में उन्हें फूलों की खेती के प्रति जागरूक करने के लिए सेमिनार आयोजित किए जाएंगे. इसके अलावा, विशेष प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाएगा.

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