इस साल की अंतिम सोमवती अमावस्या 12 अप्रैल को, 425 दिन बाद बनेगा ऐसा संयोग

कुरुक्षेत्र । चैत्र मास की अमावस्या इस बार खास होगी. यह साल 2021 यानि 2077 संवत की आखिरी सोमवती अमावस्या होगी. ऐसे में 12 अप्रैल सोमवार को अपने पितृ को प्रसन्न करते हुए पितृ श्रण से मुक्ति पा सकते हैं.

samoti amawas 2021

पिहोवा स्थित कार्तिकेय मंदिर के प्रमुख महंत दीपक गिरी महाराज ने बताया कि ज्योतिष के जानकारों के अनुसार सावंत 2078 इस बार 13 अप्रैल 2021 से शुरू होगा. एक ओर जहां इस संवत का राजा मंत्री मंगल है, वहीं इस संवत में एक भी सोमवती अमावस्या नहीं है. यानि अगली सोमवती अमावस्या 425 दिन के बाद आएगी. इस संवत 2079 के राजा शनिदेव होंगे और तब सोमवती अमावस्या 30 मई 2022 में भाद्रपद मास में आएगी.

पूर्वजों की तृप्ति के लिए अमावस्या

यह भी माना जाता है कि पूर्वजों की तृप्ति के लिए अमावस्या के सभी दिन श्राद्ध की रस्मों को करने के लिए उपयुक्त है. भगवान आशुतोष मोक्ष के दाता हैं और उनके दिन सोमवार को अगर अमावस्या आती है और अगर उस दिन पितृ का तर्पण श्रद्धा आदि करते हैं तो भगवान आशुतोष उस जातक को पितृ श्रण से मुक्ति दिलाते हैं. गंगा या पवित्र जल में स्नान कर उसी घाट पर तर्पण करना शुभ माना जाता है.

पित्रों के तर्पण के लिए गया में सबसे उत्कृष्ट कर्म माना जाता है. इसके बाद पिहोवा स्थित सरस्वती तीर्थ पर तर्पण होता है. चैत्र चौदस पर तर्पण का विशेष महत्व है. इस बार इसके साथ सोमवती अमावस्या भी आ रही है.

चैत्र अमावस्या मुहूर्त 2021

अप्रैल 11,2021 को 06:05:18 से अमावस्या आरंभ

अप्रैल 12,2021 को 08:02:25 पर अमावस्या समाप्त

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