Basant Panchami: कब है बसंत पंचमी, इस तरह करें मां सरस्वती की पूजा

ज्योतिष | बसंत पंचमी का त्यौहार हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. अबकी बार यह त्यौहार 14 फरवरी बुधवार के दिन मनाया जाएगा. बता दे कि 13 फरवरी को दोपहर 2:41 मिनट पर पंचमी तिथि शुरू हो रही है, उदय तिथि के अनुसार, अगले दिन ही बसंत पंचमी (Basant Panchami) मनाई जाएगी. इसी दौरान रेवती, अश्विनी नक्षत्र और शुभ व शुक्ल योग भी पड़ रहा है, जिस वजह से यह दिन और भी खास हो जाता है.

maa saraswati

बसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती का समर्पित माना जाता है. इस दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व बताया गया है. जैसा की आपको पता है कि माता सरस्वती को ज्ञान, संगीत, कला विज्ञान और शिल्प कला की देवी के नाम से जाना जाता है. साथ ही, इस दिन को श्री पंचमी और सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है.

यह भी पढ़े -  गुरु और बुध आज बना रहे प्रतियुति राजयोग, इन 3 राशियों को मिलेगा आकस्मिक धन लाभ

कब है बसंत पंचमी

जिस दिन पंचमी तिथि सूर्य उदय और दोपहर के मध्य में व्याप्त रहती है, उसी दिन को सरस्वती पूजा के लिए बढ़िया माना जाता है. इसी वजह से पिछले कुछ सालों में बसंत पंचमी चतुर्थी तिथि के दिन ही पड रही थी. अगर आप भी बिना किसी मुहूर्त के कोई शुभ या मांगलिक कार्य करना चाहते हैं, तो बसंत पंचमी का दिन काफी अच्छा माना जाता है. इसे शुभ कार्यों के लिए काफी अनुकूल माना जाता है.

यह भी पढ़े -  नए साल पर शुक्र बनाएंगे मालव्य राजयोग, इन 3 राशि के जातकों की लगेगी लॉटरी

बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा के लिए शुभ मुहूर्त की शुरुआत सुबह 7:00 से लेकर 12:41 मिनट तक है. शुभ मुहूर्त में पूजा करने से पूजा का फल बढ़ जाता है, ऐसे में कोशिश करें कि आप मुहूर्त में ही पूजा करें.

इस प्रकार करें पूजा

  • इसके लिए सबसे पहले आपको प्रातकाल जल्दी उठकर स्नान करना है.
  • स्नान करने के बाद पूजा स्थल पर एक चौकी पर पीले रंग के वस्त्र बिछाए.
  • अब आपको माता सरस्वती का चित्र या प्रतिमा वहां पर स्थापित करनी है.
  • इसके बाद कलश, भगवान गणेश और नवग्रह पूजन करके मां सरस्वती की पूजा करें और उन्हें मीठे का भोग लगाए.
यह भी पढ़े -  नाराज होने से पहले कुबेर भगवान देते हैं ये जरूरी संकेत, भूलकर भी ना करें नजर अंदाज

डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!

exit