94 वें दिन में पहुंचा आंगनबाड़ी वर्कर्स का धरना, जानें किन मांगों को लेकर जारी है बवाल

करनाल । अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठी आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर यूनियन का धरना आज 94 वें दिन में प्रवेश कर गया है. हड़ताल के दौरान आज 11 नई पदाधिकारी अनशन पर बैठी. सरकार को चेतावनी देते हुए हुए उन्होंने कहा कि जब तक सरकार द्वारा मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक क्रमिक अनशन जारी रहेगा. राज्य उपप्रधान मधु शर्मा व जिला प्रधान रूपा राणा ने फूलमाला डालकर क्रमिक अनशन पर नरेश इंद्री,कृष्णा, गुलाबो उमरपुर,सुनीता भौजी, पिंकी मोहदीन पुर,,उर्मिला जुडला, सुदेश सग्गा, उषा सालवन, सुमन खानपुर, राजरानी उमरपुर व किरण को बैठाया.

Aasha Workers

धरने की अध्यक्षता जिला प्रधान रूपा राणा ने की व संचालन आंगनबाड़ी ब्लाक प्रधान नीलम ने किया. एसकेएस जिला प्रधान मलकीत सिह, सीटू नेता सतपाल सैनी, जगपाल राणा, ओपी माटा, कृष्ण शर्मा ने बताया कि महिलाओं के जीवन की बदहाली आज किसी से छिपी नहीं है. बेरोजगारी का स्तर कोरोना महामारी से पहले के स्तर से भी बढ़ गया है. नौकरी का भारी नुक़सान और वेतन में कटौती, गरीबी में इजाफा जैसे भयंकर परिणाम अब सामने आ रहे हैं.

रूपा राणा व बिजनेश राणा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सितंबर 2018 में वर्कर के 1500 रुपए और हेल्पर के 750 रुपए बढ़ाने की घोषणा की गई थी जो देश के सभी राज्यों में लागू हो गया है. केंद्र सरकार द्वारा इस राशि का बजट हरियाणा सरकार को दिया जा रहा है, लेकिन हरियाणा सरकार हमें इसका लाभ देने से वंचित कर रही है. इसका सबसे ज्यादा असर हम आंगनबाड़ी वर्कर्स को झेलना पड़ रहा है.

सीएम मनोहर लाल द्वारा 5 मार्च 2018 को हरियाणा की विधानसभा में आंगनवाड़ी वर्कर्स को अर्ध- कुशल व हेल्पर को एक कुशल कर्मचारी का दर्जा देने व महंगाई भत्ते को मानदेय के साथ जोड़ने का निर्णय लिया था लेकिन हमें एक साल तक तो महंगाई भत्ता दिया गया और बाद में यह बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान हमारे उपर दमन की कार्रवाई करने वाले पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.

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