आयुर्वेद का चमत्कार: चलने के लिए तरस रहा था युवक, 3 महीने के इलाज के बाद लगा दौड़ने

कुरुक्षेत्र। इसे आयुर्वेद का बड़ा चमत्कार ही कहेंगे कि जो युवक अपने पैरों से चलने के लिए तरस गया था अब वह 3 महीने के उपचार के बाद दोबारा अपने पैरों से चलने लगेगा. बता दें कि युवक की रीड की हड्डी का डायमीटर जो सामान्य 15mm होना चाहिए था, वह खिसकने की वजह से 4.9 एमएम रह गया था.

20 04 2021 ayurvedanews 21574984

आयुर्वेद का बड़ा चमत्कार

चिकित्सकों ने युवक की हालत को देखकर तुरंत स्पाइन सर्जरी कराने की सलाह दे दी थी, लेकिन श्री कृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर राजा सिंगला ने युवक को न केवल अपने पांव पर खड़ा होने का हौसला दिया बल्कि पंच कर्मा की कुछ थेरेपी और दवा उसे उसे ठीक भी कर दिया. जिसके बाद अब युवक अपने पैरों पर न केवल चल रहा है बल्कि दौड़ भी लगा रहा है. नरवाना निवासी 18 वर्षीय नवनीत ने बताया कि वे जिम मे भार उठा रहा था, जिसकी वजह से उसकी कमर झटका लग गया. उसका दर्द हर दिन बढ़ता गया और उसे चलने फिरने में भी परेशानी होने लगी. जब उसने स्पेशलिस्ट को दिखाया तो चिकित्सक ने सर्जरी कराने की सलाह दी.

अपने पैरों पर दोबारा चलने लगा युवक 

वही नवनीत ने बताया कि उसे किसी ने श्री कृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल में डॉक्टर राजा सिंगला के बारे में बताया, जब वह वहां पर आया तो डॉक्टर राजा ने भी स्थिति खराब बताई लेकिन हौसला भी दिया कि वह युवा है अगर इच्छा शक्ति हो तो वह बिल्कुल ठीक हो सकता है. नवनीत ने चिकित्सक की सलाह पर उपचार शुरू कर दिया. अब उसके पैर सुन नहीं होते, ना ही चलने फिरने में कोई दिक्कत होती है.

साथ ही वह अपने आप को फिट रखने के लिए रोजाना दौड़ भी लगाता है. वही एसोसिएट प्रोफेसर डॉ राजा सिंगला ने बताया कि जब नवनीत उनके पास आया तो एम आई आर में रीड की हड्डी 4.9 एमएम थी, यह बहुत खराब स्थिति थी. उस समय युवक को सही इलाज देने के साथ-साथ उनके मन में हौसला जगाना भी बहुत जरूरी था. इसीलिए इलाज के साथ-साथ उसे मोटिवेट भी किया गया.

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