मिड-डे-मील का सूखा राशन मिलने के बाद भी परेशानी में स्कूली बच्चे, बताई वजह

कुरुक्षेत्र । कोरोना की तीसरी लहर से हालात सामान्य होने पर शिक्षा निदेशालय के आदेश पर पहली से लेकर 12 वीं कक्षा तक स्कूल खुल चुके हैं. हालांकि अब स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को खाना नहीं मिलेगा. बता दें कि विभाग द्वारा मार्च तक का सूखा राशन घर-घर बांट दिया गया है.

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ऐसे में इस बचें हुए शैक्षणिक सत्र में बच्चे घर से ही खाना बनवाकर ला सकते हैं. लेकिन बड़ी परेशानी यह है कि शिक्षा विभाग की ओर से पिछले सात माह से बच्चों के अकाउंट में कुकिंग कोस्ट नहीं जमा करवाई गई है जिसके चलते बच्चों को खासी मुश्किलें झेलनी पड़ रही है.

प्राइमरी और मिडिल बच्चों की कुकिंग कोस्ट अलग-अलग

मिली जानकारी अनुसार प्राइमरी स्कूल के बच्चों के लिए चार रुपए 97 पैसे व मिडल स्कूल के बच्चों के लिए 7 रुपए 45 पैसे प्रतिदिन के हिसाब से कुकिंग कोस्ट दी जाती है लेकिन इस राशि के लिए बच्चे पिछले सात माह से इंतजार कर रहे हैं. रोजाना अभिभावक स्कूल में अध्यापकों के पास फोन कर कुकिंग कोस्ट कब तक आएगी पूछते रहते हैं. हर बार अध्यापकों का जवाब होता है कि अकाउंट लिंक की प्रक्रिया जारी है, यह प्रकिया कब तक पूरी होगी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.

विभाग वर्चुअल अकाउंट खोलने को प्रोसेस जारी

प्रधानमंत्री पोषण योजना के अंतर्गत शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों के वर्चुअल अकाउंट खोलने की प्रक्रिया जारी है. स्कूलों में एजेंसी कार्ड, लॉग-इन आईडी व पासवर्ड भी बन चुके हैं. अब बच्चों के बैंक अकाउंट्स को सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन सेवा (PFMS) ऑनलाइन सॉफ्टवेयर पर लिंक करने की प्रक्रिया जारी है.

लिंक प्रकिया पूरी होते ही मिड-डे-मील का पैसा अकाउंट में जमा कर दिया जाएगा. इस प्रणाली से स्कूल स्टाफ मिड-डे-मील का पैसा नहीं निकाल पाएंगे. जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, कुरुक्षेत्र, सतनाम सिंह भट्टी ने बताया कि PFMS ऑनलाइन सॉफ्टवेयर पर अकाउंट लिंक करने का प्रोसेस जारी है और अकाउंट लिंक होते ही कुकिंग कोस्ट का पैसा जमा कर दिया जाएगा.

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