जाने लड़कियों की शादी की उम्र अब कितनी हो जाएगी, नया फैसला

नई दिल्ली | केंद्र सरकार लड़कियों की शादी के न्यूनतम उम्र सीमा को बढ़ाकर पुरुषों के बराबर करने पर विचार कर रही है. सरकार ने जया जेटली की नेतृत्व में एक टास्क फोर्स गठित की है जो इस विषय पर समीक्षा करेगी. 2020-21 के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लड़कियों की उम्र सीमा पर पुनर्विचार करने को कहा था. जिसको लेकर डी के पॉल, नजमा अख्तर, दीप्ति शाह इत्यादि सदस्य इस टास्क फोर्स के माध्यजाने लड़कियों की शादी की उम्र अब कितनी हो जाएगीम से अपनी रिपोर्ट पेश की है जिस पर केंद्र सरकार गम्भीर दिख रही है.

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बालिका शिक्षा व विकास को मिलेगा प्रोत्साहन

सरकार का मानना है कि यह कदम लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार में सकारात्मक परिणाम लाएगा. जबकि कई गैर सरकारी संस्थाओं और संगठनों ने इस कदम के विरुद्ध भी आवाज उठाई है. उनका कहना हैै कि इस कदम से बालिकाओं के विकास में कोई बदलाव नही आएगा.

शारदा एक्ट में बदलाव करके लड़कियों शादी की उम्र 18 वर्ष गई थी

अभी वर्तमान में बाल विवाह अधिनियम के अनुसार लड़कियों की शादी के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 18 वर्ष है. शारदा अधिनियम 1972 के तहत लड़कियों की उम्र 18 वर्ष की गई थी जो पहले 15 वर्ष होती थी. वर्तमान समय मे बदलते परिवेश में शादी को लेकर परिवार जागरूक हुए है तथा लड़कियों की शिक्षा पूरी करवाने के बाद ही शादी के बारे में फैसला लेते हैं.

कई परिवार अपने बच्चों के नौकरी या करियर में सुरक्षित भविष्य होने के बाद ही शादी का फैसला करते है. जिससे अन्य अभिभावकों को भी अपनी बच्चियों को आगे बढ़ाने का प्रोत्साहन मिलता है. सरकार का यह कदम न सिर्फ लड़कियों की शिक्षा बल्कि उनकी मां बनने की क्षमता, शारिरिक विकास, करियर विकल्प, स्वास्थ्य और शादी को लेकर बेहतर समझ विकसित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

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