बच्चों के लिए जानलेवा हो सकता है निमोनिया, यहां जानें लक्षण और बचाव के उचित तरीके

पानीपत | स्वस्थ जीवन व्यतीत करने के लिए स्वस्थ फेफड़ों का होना बेहद ही जरूरी है. इसी थीम पर 12 नवंबर को हर साल विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है. अस्पतालों में जागरूकता व जांच शिविर आयोजित किए जाते हैं. निमोनिया से बचाव के लिए बच्चों को 6 सप्ताह की आयु से लेकर 12 माह की आयु तक पीसीवी के 3 टीके लगाए जाते हैं.

Pneumonia Nimonia compressed

वहीं, टीकाकरण कर बात करें तो 20 प्रतिशत बच्चे पीसीवी के टीका से वंचित रह जाते हैं. हालांकि, वित्तीय वर्ष 2022-23 के आंकड़ों पर गौर करें तो 13 प्रतिशत का सुधार हुआ है.

टीमें घरों में देती है दस्तक

पानीपत सिविल सर्जन डा. जयंत आहूजा ने बताया कि सरकार ने सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन टू न्यूट्रलाइज निमोनिया सक्सेसफुली (सांस) अभियान शुरू किया हुआ है. सांस अभियान के दौरान एएनएम के नेतृत्व में आशा वर्कर्स घरों में दस्तक देती हैं और 0 से 5 साल की आयु के बच्चों में निमोनिया के लक्षणों की पहचान करती हैं.

मेडिकल आफिसर के परामर्श से एमोक्सिसिलिन-जेंटामाइसिन की डोज देती हैं. निमोनिया से बचाव के लिए बच्चों को पीसीवी न्यूमोकोकल कन्जूगेट वैक्सीन (पीसीवी) का टीका लगवाने के लिए अभिभावकों को प्रेरित किया जाता है.

निमोनिया के लक्षण

  • सांस की गति बहुत तेज होना.
  • पसलियों का अंदर तक धंसना.
  • बच्चों में बेचैनी एवं उत्तेजना का बढ़ जाना.
  • बच्चे का दूध नहीं पीना और सुस्त रहना

ऐसे करें बचाव

  • 6 महीने तक बच्चों को मां का दूध अवश्य पिलाएं.
  • समय पर पीसीवी का टीका अवश्य लगवाएं.
  • ठंडे पानी से बच्चों को दूर रखें.
  • सर्दी से बचाव हेतु गर्म कपड़े पहने.
  • पैरों में जुराब और कानों को ढककर रखें.

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