दिल्ली में लैंडपूलिंग पॉलिसी के तहत 85 लाख आबादी को बसाने की योजना, मिलेगी ये सुविधा

नई दिल्ली | दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने लैंडपूलिंग पॉलिसी के तहत 5 जोन में 85 लाख की आबादी को बसाने का लक्ष्य रखा है. डीडीए की योजना सभी जोन को मिनी सिटी के तौर पर विकसित करने की है. इसके लिए हर जोन में स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, पुलिस स्टेशन और फायर स्टेशन भी स्थापित किए जाएंगे. इस संबंध में डीडीए संबंधित विभागों को पत्र लिखेगा और इन प्रशासनिक भवनों का निर्माण करेगा. इस नीति में भाग लेने वाले भूमि मालिकों की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत और डीडीए की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत होगी.

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वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, 5 जोन बनाए जाएंगे. इन्हें 138 सेक्टरों में बांटा गया है. कई जमीन मालिक इस नीति में शामिल हो गए हैं. उन्होंने एक कंसोर्टियम बनाया है. डीडीए ने सेक्टर- 8बी, पी- 2 जोन के लैंड ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष को 15 दिसंबर को एक पत्र लिखा है, जिसमें सेक्टर लैंड डिस्ट्रीब्यूशन प्लान के ड्राफ्ट के अनुसार अनुपात पर 3 संभावित विकल्पों में से एक का सुझाव दिया गया है. 60 और 40 प्रतिशत चयन करने को कहा गया है. अधिकारियों ने बताया कि सभी जोन में 500 से ज्यादा स्कूल बनाए जाएंगे.

6 चरण में 40 फीसदी जमीन होगी सौंपनी

अधिकारियों ने बताया कि छठे चरण में एसोसिएशन और जमीन मालिकों को 40 फीसदी जमीन सौंपनी होगी. इसके बाद, यूनियन 60 फीसदी जमीन पर फ्लैट बनाने और अन्य कार्यों के लिए डीडीए से अनुमति लेगी.

एमसीडी ने फैक्ट्री लाइसेंस की प्रक्रिया को बनाया सरल 

दिल्ली नगर निगम ने फैक्ट्री लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बना दिया है. इसके लिए दिसंबर माह में सभी जोन के औद्योगिक क्षेत्रों में कैंप लगाए जाएंगे. निगम 10 दिन में फैक्ट्री लाइसेंस देने पर जोर दे रहा है. पहले 30 दिन से ज्यादा का समय लगता था. निगम ने लाइसेंस के लिए दस्तावेजों की संख्या भी पांच से घटाकर चार कर दी है. साथ ही, ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी.

ये मिलेगी सुविधा

  • 12 फीसदी जमीन पर सड़कें बनेंगी.
  • स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी
  • 16 फीसदी जमीन पर हरित क्षेत्र बनाया जाएगा.
  • लोगों की सुविधा के लिए 8 फीसदी जमीन पर बनेंगे कई विभागों के कार्यालय.
  • 4 फीसदी जमीन पर बनेगा औद्योगिक क्षेत्र.

दस्तावेज है अनिवार्य

  • आवेदक को संपत्ति पर अपना अधिकार साबित करना होगा.
  • सर्टिफिकेट देना होगा.
  • किराये की संपत्ति के लिए मालिक का अनापत्ति प्रमाण पत्र देना होगा.
  • जयस्वीकृत भवन निर्माण योजना या संरचनात्मक सुरक्षा प्रमाण पत्र प्रदान करना होगा.
  • अगर प्रॉपर्टी का क्षेत्रफल 250 वर्ग मीटर से ज्यादा है तो फायर एनओसी भी जरूरी है.

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