OPS बहाली की मांग कर रहे सरकारी कर्मचारियों को बड़ा झटका, मोदी सरकार ने संसद में दिया ये जवाब

नई दिल्ली | ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) की बहाली को लेकर पिछले काफी लंबे समय से मांग कर रहे सरकारी कर्मचारियों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है. केंद्र सरकार (Central Govt) पर दबाव बढ़ाने के उद्देश्य से इन कर्मचारियों ने पिछले दिनों दिल्ली के रामलीला मैदान में हजारों की संख्या में पहुंचकर प्रदर्शन भी किया था. कल यानि सोमवार को मोदी सरकार ने इस संबंध में संसद में जो जानकारी दी है, उससे ओपीएस की मांग कर रहे सरकारी कर्मचारियों की उम्मीदें बिल्कुल क्षीण हो गई है.

ops news

सरकार ने दिया ये जवाब

प्रश्नकाल में वित्त मंत्री से लोकसभा सांसद ए गणेशमूर्ति और ए राजा ने सवाल किया कि सरकारी कर्मचारियों के लिए OPS बहाल करने की मांग पर केंद्र सरकार का क्या रुख है. इस प्रश्न पर लिखित जवाब में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा, 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद नियुक्त किए गए कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने का भारत सरकार के सामने कोई प्रस्ताव नहीं है.

NPS को बनाया जाएगा आकर्षक

वित्त राज्यमंत्री ने संसद में जानकारी देते हुए कहा कि 22 दिसंबर, 2003 को न्यू पेंशन स्कीम (NPS) का नोटिफिकेशन जारी कर इसे लागू किया गया था. उसके बाद, सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एनपीएस को बेहतर बनाने और उनके हितों की रक्षा के लिए सरकार ने कई कदम उठाये हैं. जिसमें पे + डीए को मिलाकर सरकार के योगदान को 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया गया.

कर्मचारियों को पेंशन फंड चुनने का विकल्प दिया गया. सब्सक्राइबर्स को निवेश के पैटर्न का चुनाव करने 2004- 12 के बीच एनपीएस योगदान ना देने या भुगतान में देरी पर मुआवजा का प्रावधान किया गया. NPS में योगदान को इनकम टैक्स के सेक्शन 80 C के तहत टैक्स छूट के दायरे में लाया गया. इसके अलावा, एनपीएस से एग्जिट करने पर एकमुश्त रकम के विड्रॉल पर दिए जाने वाले टैक्स छूट की लिमिट को 40% से बढ़ाकर 60 % कर दिया गया.

कमेटी कर रही है NPS का अध्ययन

पंकज चौधरी ने बताया कि वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है जो NPS के तहत केन्द्रीय कर्मचारियों के पेंशन के मुद्दे का अध्ययन कर रही है. ये कमिटी एनपीएस के मौजूदा फ्रेमवर्क और ढांचे पर गौर कर रही है और साथ ही ये देख रही कि क्या इसमें किसी प्रकार के बदलाव किए जाने की दरकार है.

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!