सरकार ने किया Income Tax से जुड़े नियमों में बदलाव, इन जरूरी बातों का रखे ध्यान

नई दिल्ली ।  सरकार द्वारा लोकसभा में बजट 2022 में कुछ संशोधन पेश किए गए थे. यह संशोधन इनकम टैक्स से जुड़े हुए थे. अब इन संशोधनों के बाद आयकरदाता लॉस रिटर्न (Loss Return ) को भी अपडेट कर पाएंगे. इसके साथ ही आयकर विभाग को एसेसमेंट वर्ष 2020-21 के लिए असेसमेंट पूरा करने के लिए भी अतिरिक्त समय मिल गया है. पहले एसेसमेंट के लिए समय सीमा 31 मार्च 2022 निर्धारित की गई थी,  इसके बाद अब इस समय सीमा को 30 सितंबर 2022 कर दिया गया है.

PAISE RUPAY

आयकर के नियमों मे किया गया बदलाव

बजट 1 फरवरी 2022 को पेश किया गया था. इस बजट में आम जनता और विशेषज्ञों से मिली प्रतिक्रियाओं के बाद ही सरकार द्वारा बजट प्रपोजल्स में संशोधन किया जाता है. इसके बाद इन्हें लोकसभा में पेश किया जाता है. वही विशेषज्ञों का कहना है कि गुरुवार को पेश किए गए बजट संशोधन इनकम टैक्स से संबंधित है, जिस वजह से वह आम जनता के लिए भी काफी महत्वपूर्ण बन जाते हैं. अपडेट रिटर्न का प्रावधान बजट 2022 में पेश किया गया था.

यह उन आयकर दाताओं के लिए है जो आय की घोषणा करने से चूक गए थे. बता दें कि एक असेसमेंट ईयर के अंत में 2 वर्षों के अंदर एक अपडेट रिटर्न दाखिल किया जाता है. मान लीजिए यदि आप वित्त वर्ष 2021- 22 के लिए कुछ  आय की घोषणा करने से चूक जाते हैं तो यह एसेसमेंट वर्ष 2022 -23 में तब्दील हो जाता है. वही नए प्रावधानों के अनुसार आप वित्त वर्ष 2024- 25 तक अपडेट रिटर्न दाखिल कर सकते हैं.

इस संशोधन को गुरुवार के दिन लोकसभा में पेश किया गया था, अब इस सुविधा को लॉस रिटर्न के लिए भी शुरू कर दिया गया. बता दे कि लॉस रिटर्न वह है, जहां नेट लॉस घोषित किया जाता है और कोई कर देय नहीं होता. अपडेट रिटर्न वह रिटर्न होती है जो आपको किसी एसेसमेंट वर्ष के 2 साल के अंदर दायर करनी होती है. अपडेट रिटर्ंस में आप उन इनकम को शामिल करते हैं जिन्हें आप पहले आईटीआर में शामिल करना भूल गए थे. साथ ही इस पर आपको टैक्स और पेनल्टी दोनों देनी होती है.

सरकार द्वारा आयकर विभाग को असेसमेंट पूरा करने के लिए दी गई समय सीमा को धीरे धीरे कम किया जा रहा है. असेसमेंट वर्ष 2020- 21 के लिए असेसमेंट आकलन वर्ष की समाप्ति के 1 वर्ष के भीतर पूरा किया जाना था. यह अवधि 31 मार्च 2022 को पूरी हो रही है. असेसमेंट वर्ष 2021- 22 मे इस समय सीमा को और कम करके 9 महीने कर दिया गया था. वहीं गुरुवार को लोकसभा में संशोधनो के तहत इस समय सीमा को बढ़ा दिया गया है.

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