किसान आंदोलन: उधर सरकार से वार्ता का इंतजार, इधर 26 मई से आंदोलन को तेज करने की कोशिश

नई दिल्ली । तीनों कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र सरकार के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को 26 मई को 6 महीने पूरे होने जा रहे हैं. इस बीच एक तरफ तो किसान संगठनों को सरकार से दोबारा से बातचीत शुरू होने का इंतजार है तो दूसरी तरफ किसान नेता 26 मई से आंदोलन तेज करने की रणनीति तैयार कर रहे हैं. किसान नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंनेे गुहार लगाई है कि दोबारा से वार्ता कर उनकी मांगों को पूरा करते हुए किसान आंदोलन को खत्म किया जाए.

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साथ ही किसान नेताओं ने तीन दिन बाद आंदोलन के छः महीने पूरे होने पर इस दिन को दिल्ली के सभी बॉर्डर पर काले दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया है. सभी आन्दोलनकारी काले झंडे लेकर बार्डर पर आयोजित सभा में शामिल होंगे. किसान संगठनों ने आह्वान किया है कि इस दिन सभी गांवों में एक साथ दोपहर 12 बजे पुतले फूंककर काला दिवस मनाया जाएं. वहीं टीकरी बार्डर के मंच पर नजर आने वाले किसान नेता मुख्यमंत्री मनोहर लाल के हिसार दौरें के दौरान किसानों पर हुएं लाठीचार्ज के बाद उपजे विवाद के बाद हिसार में अपनी सक्रियता ज्यादा दिखा रहे हैं.

संगठनों का युवाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर

टिकरी बार्डर पर मोर्चे की अगुवाई कर रहे किसान नेताओं ने मंच से आन्दोलन में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया है. किसान संगठनों द्वारा बार-बार मंच से युवाओं को आन्दोलन में आने के लिए आह्वान किया जा रहा है ताकि आंदोलन और अधिक मजबूत हो सकें. किसान संगठनों के आह्वान पर युवा दिल्ली बार्डर पर धरना स्थल पर पहुंच तो रहें हैं, लेकिन उनकी संख्या उतनी अधिक नहीं है जितनी 26 जनवरी से पहले हुआ करती थी. वहीं भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी 26 मई के बाद फैसला लेने के लिए आंदोलनकारी किसानों को विश्वास दिलाया है.

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