देश में जल्द सस्ता होगा पेट्रोल- डीजल, ये है बड़ा कारण; ऐसे घट सकती है कीमतें

नई दिल्ली | देश में जल्द ही पेट्रोल- डीजल की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है. 15 महीनों में पहली बार जनवरी- मार्च तिमाही में डीजल पर खुदरा मार्जिन सकारात्मक हो गया. आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के एक अनुमान के मुताबिक, घरेलू कीमतों में स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट की वजह से ऐसा हुआ है.

Petrol Diesel Price 1

50 पैसे प्रति लीटर का कमाया मुनाफा

तेल विपणन कंपनियों का अनुमान है कि उन्हें पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में प्रति लीटर डीजल की बिक्री पर 50 पैसे का मुनाफा हुआ जबकि तीसरी तिमाही में कंपनियों को 6.5 रुपये प्रति लीटर का घाटा हो रहा था. जनवरी से मार्च 2022 के दौरान यह घाटा 2.6 रुपये प्रति लीटर था. तेल विपणन कंपनियों को नुकसान हो रहा था क्योंकि घरेलू कीमतें स्थिर थीं और अंतरराष्ट्रीय कीमतें आसमान छू रही थीं. दरअसल, बढ़ी हुई मांग अस्थायी रिफाइनरी क्षमता बाधाओं और यूक्रेन युद्ध से उपजी आपूर्ति अनिश्चितताओं के कारण अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें पिछले साल बढ़ीं हैं.

पिछले साल पेट्रोल के दाम भी काफी बढ़े

पिछले साल पेट्रोल के दाम भी काफी बढ़े थे लेकिन वे भी डीजल के मुकाबले तेज गति से नीचे आए. जनवरी- मार्च तिमाही में पेट्रोल पर खुदरा मार्जिन 6.8 रुपये प्रति लीटर रहने की उम्मीद है. यह तीसरी तिमाही में 10 रुपये से कम है. जनवरी 2022 से शुरू होने वाली तीनों तिमाहियों में तेल विपणन कंपनियों को पेट्रोल की खुदरा बिक्री पर घाटा हुआ है.

कंपनियों का नेट प्रॉफिट 3.3 गुना बढ़ने का अनुमान

चौथी तिमाही में सकल रिफाइनिंग मार्जिन 10 से 11 डॉलर प्रति बैरल और सकारात्मक मार्केटिंग मार्जिन की उम्मीद है. इससे इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम की परिचालन आय में संयुक्त रूप से तिमाही- दर- तिमाही 77% की वृद्धि होगी. ब्रोकरेज ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है. वहीं, शुद्ध मुनाफा 3.3 गुना बढ़ने का अनुमान है.

ऐसे घट सकती है कीमतें

मई से आपूर्ति कम करने के ओपेक+ के हालिया निर्णय से तेल विपणन कंपनियों को कुछ चिंता हो सकती है. रविवार को उत्पादन घटाने के इस फैसले के बाद से कच्चे तेल की कीमत में 5 फीसदी की तेजी आ चुकी है. इससे ईंधन खुदरा विक्रेताओं के मार्जिन पर असर पड़ सकता है.

अगर ओपेक+ के उत्पादन घटाने के फैसले से कच्चे तेल की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है तो कंपनियां मुनाफा कमाती रहेंगी. ऐसे में भविष्य में पेट्रोल और डीजल के दाम कम करने का फैसला हो सकता है. शुक्रवार को ब्रेंट ऑयल वायदा 0.06% की गिरावट के साथ 84.94 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था.

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