हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला- बिजली कट लगे तो चार्जशीट होंगे एसडीओ, जेई और शिफ्ट एटेंडेंट

पंचकूला । हरियाणा में अघोषित बिजली कट के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है. अब अघोषित बिजली कट लगने पर बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जिम्मेदार होंगे. ऐसी स्थिति में संबंधित क्षेत्र के एसडीओ, जेई और शिफ्ट इंजिनियर के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उनको चार्जशीट किया जाएगा.

Bijli Karmi
प्रदेश में पहली बार 11 हजार 732 मेगावाट बिजली की खपत

दरअसल प्रदेश में भीषण गर्मी और इंडस्ट्री का पहिया घूमने की वजह से बिजली की खपत एकाएक बढ़ गई. हरियाणा प्रदेश के गठन के बाद पहली बार सबसे अधिक बिजली की खपत 11 हजार 732 मेगावाट तक पहुंच गई. यूनिट में यह आंकड़ा 25 करोड़ यूनिट बनता है. फिलहाल प्रदेश सरकार के पास 12 हजार मेगावाट बिजली की उपलब्धता है. इसके बावजूद भी यदि बिजली खपत में वृद्धि होगी तो सरकार अपने पड़ोसी राज्यों से अतिरिक्त बिजली खरीदने पर विचार करेंगी.
इसके साथ ही राज्य सरकार ने अधिकारियों को बिजली कट न लगाने के सख्त निर्देश दिए हैं. सरकार ने कहा कि अगर लंबे बिजली कटो की वजह से कहीं आंदोलन या प्रदर्शन होता है तो इसके लिए संबंधित एसडीओ, जेई और शिफ्ट एटेंडेंट जिम्मेदार होंगे.

गुरुग्राम में 34 फीसदी बढ़ी खपत

हरियाणा सरकार ने बिजली अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी जिले में अघोषित बिजली कटो से परहेज़ किया जाएं. हरियाणा में बिजली किल्लत की समस्या को बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि लोगों को उनकी मांग के अनुरूप बिजली मिल रही है.बिजली मंत्री ने बताया कि फिलहाल हमारे पास 12 हजार मेगावाट बिजली की उपलब्धता है. हरियाणा गठन के बाद इस बार बिजली की खपत सबसे अधिक हुईं है. हरियाणा के इतिहास में आज तक इतनी बिजली की खपत नहीं हुई थी.

रणजीत चौटाला ने कहा कि हमारे पास सरप्लस बिजली है. इसके बावजूद भी यदि बिजली की जरूरत पड़ती है तो पड़ोसी राज्यों से खरीदकर प्रदेश की जनता को देंगे. चौटाला ने बताया कि इस बार गुरुग्राम में भी बिजली की खपत 1147 मेगावाट से बढ़कर 1500 मेगावाट तक पहुंच गई जो 34 फीसदी ज्यादा है. वहां एक बार भी ब्रेकडाउन नहीं हुआ है. एक सवाल के जवाब में बिजली मंत्री ने कहा कि यदि बिजली कार्यालय में कोई अधिकारी या कर्मचारी शिकायतकर्ता की कॉल रिसीव नहीं करते हैं तो ऐसे अफसरों की शिक़ायत सीधे हरियाणा सरकार से अधिकारिक फोन नंबरों पर की जाएं. उनके विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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