हरियाणा में राजनीतिक यात्राओं से नेताओं को अक्सर फायदा हुआ, यहाँ पढ़ें पिछले कुछ सालो की स्पेशल रिपोर्ट

चंडीगढ़ | हरियाणा में इस वक्त राजनीतिक गतिविधियां काफी तेज हो गई है. कारण यह है कि राहुल गांधी की भारत जोडो यात्रा हरियाणा में प्रवेश कर चुकी है जिस वजह से सभी राजनीतिक दल अब सतर्क हो चुके हैं. राजनीति के बदलते परिवेश में अब पद यात्राओं का दौर शुरू हो गया है. राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के तहत कदम से कदम मिलाकर सत्ता की सर्वोच्च कुर्सी तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.

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इनेलो भी पदयात्रा में जुटी

वहीं इनेलो अध्यक्ष अभय चौटाला भी पदयात्रा की तैयारियों में जुट गए हैं. उनकी पदयात्रा 20 फरवरी 2023 से नूंह से शुरू होगी और 25 सितंबर को ताऊ देवीलाल की जयंती पर बड़ी रैली के साथ इसका समापन होगा. यह यात्रा अंतिम पड़ाव तक हरियाणा के 90 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी. इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह का कहना है कि पदयात्रा में अभय के साथ 200 युवाओं का दल जाएगा और हरियाणा में बेरोजगारी, सुरक्षा, महिला उत्थान, किसान, मजदूर व कामगारों की आवाज उठाएगा.

उन्होंने कहा कि जो लोग अभय की पदयात्रा पर सवाल उठा रहे हैं. उन्हें 20 फरवरी को जवाब मिलेगा. 2023 के अंत में जननायक जनता पार्टी भी खत्म हो जाएगी. नफे सिंह राठी का मानना ​​है कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार में सहयोगी जेजेपी को जल्द ही सरकार से बाहर कर दिया जाएगा और उनके पास सिर्फ 2 विधायक रह जाएंगे. बाकी विधायक सरकार में शामिल होंगे.

हरियाणा में राजनीतिक पदयात्रा

राजीव लोंगेवाला समझौते के खिलाफ चौधरी देवीलाल ने दिल्ली तक की पदयात्रा की थी. इसके बाद हरियाणा में 1987 में उनके नाम की आंधी आई. चौधरी ओमप्रकाश चौटाला चूंकि शारीरिक रूप से चलने में असक्षम थे इसलिए उन्हाेंने पदयात्रा में ट्रैक्टर को जोडा और यमुना जल समझौते के खिलाफ चंडीगढ तक गए. इसने उनकी महम कांड की छवि को तो धोया ही ताऊ देवीलाल की छाया से बाहर निकाल एक मजबूत राजनेता के रूप में हरियाणा में स्थापित किया.

भूपेंद्र सिंह को मिली थी कमान

बता दें कि चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के शासनकाल में कंडेला कांड हुआ था. भूपेंद्र सिंह हुड्डा जींद से दिल्ली पदयात्रा लेकर पहुंचे थे. चले तो कुछ सौ आदमी थे लेकिन जब यात्रा खत्म हुई तो दिल्ली मानो हरियाणा बन चुका था. रैली हुई और भजनलाल की जबदरस्त हुटिंग की गई. पदयात्रा ने भूपेंद्र सिंह की हुड‍डा को 2005 में सत्ता के शिखर पर पहुंचने में अहम भूमिका निभाई थी.

ऐसे में अब जिस तरह से राहुल गांधी द्वारा भारत जोडो यात्रा और इनेलो द्वारा पदयात्रा आरंभ की गई है. राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है. हरियाणा में 2024 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. बीजेपी भी दोनों पार्टियों की मौजूदा गतिविधियों से सबक लेते हुए कुछ नया प्लान कर रही है ताकि वह भी लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सकें.

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