सोनीपत में 105 वर्षीय फूलपती की अंतिम इच्छा हुई पूरी, बहुओं ने दिया अर्थी को कंधा

सोनीपत | आधुनिकीकरण के इस दौर में समाज में व्यापक बदलाव देखने को मिल रहें हैं. अभी तक हमने देखा है कि माता या पिता की मृत्यु होने पर उसकी अर्थी को बेटे या फिर बेटियां कंधा देती है लेकिन सोनीपत जिले में अलग ही नजारा देखने को मिला. यहां मुरथल रोड़ स्थित बौद्ध विहार कालोनी में 105 वर्षीय फूलपती ने जब इस दुनिया को अलविदा कहा तो उसकी अर्थी को कंधा उसकी पुत्रवधुओं ने दिया.

sonipat Bahu

भरेपूरे परिवार को कह गई अलविदा

5 बेटों और तीन बेटियां की मां एवं 9 पोती व 9 पोतों की दादी 105 वर्षीय फूलपती ने कल इस दुनिया में अंतिम सांस ली. फूलपती पिछले पांच साल से बीमारी की वजह से चारपाई पर ही रहती थी और चलने- फिरने में असमर्थ थी. इस दौरान फूलपती की बहुओं ने कभी भी उसको अकेलापन महसूस नहीं होने दिया और अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए अपनी सास की मन लगाकर सेवा की.

बहुओं ने की सास की आखिरी इच्छा पूरी

अपनी बहुओं की सेवा से प्रभावित होकर फूलपती ने अपने बेटों के सामने इच्छा जाहिर की थी कि जब उसकी सेवा बहुओं ने की है तो अंतिम रस्म अदायगी की प्रक्रिया भी बहुओं द्वारा पूरी होनी चाहिए. देर रात जब फूलपती ने इस दुनिया को अलविदा कहा तो उसके बेटों ने अपनी माता की इच्छा को पूरा किया. इस दौरान फूलपती की अर्थी को बहुओं ने कंधा दिया. मौके पर मौजूद लोगों व रिश्तेदारों ने इस कदम की जमकर सराहना करते हुए कहा कि फूलपती का अपनी बहुओं से विशेष लगाव था और अंतिम समय में भी वो उसके साथ रही.

बता दें कि फूलपती के परिवार का शिक्षा से गहरा लगाव है और उसके बेटे तथा पोते बतौर केन्द्र और हरियाणा सरकार में अधिकारी रहे हैं. फूलपती के दो बेटे केन्द्र सरकार में तो दो बेटे हरियाणा सरकार में अधिकारी के पद पर कार्यरत रहे हैं. 105 वर्षीय फूलपती का सोनीपत के सेक्टर-15 स्थित श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान परिजनों, रिश्तेदारों के अलावा कई अन्य समाज सेवियों ने फूलपती देवी को मुखाग्नि दी.

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