हरियाणा: स्कूली खिलाड़ियों को सरकार दे रही है डाइट भत्ता, जानिए योजना

चंडीगढ़ । देश में खेलों के मामले में सबसे अव्वल हरियाणा का मुकाबला में दुर-दुर तक कोई भी राज्य नहीं है.इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि यहां की खेल नीति बहुत शानदार है. सरकार खिलाड़ियों को स्कूली स्तर से ही संवारने लगती है ताकि कोयले को तराश कर हीरा बनाया जा सके.यही कारण है कि सरकार स्कूली स्तर से ही बच्चों को हर सुविधा एक खिलाड़ी के तौर पर देती है ताकि उनमें सुधार हो सके और खेलों में अच्छा प्रदर्शन कर सकें. यही वजह है कि यहां खेलो मिलता को प्रोत्साहन मिलता है.

PAISE RUPAY

उल्लेखनीय है कि राज्य व नेशनल स्तर पर खेलने के लिए जाने वाले खिलाड़ियों व टीमों तथा उनके साथ जाने वाले आफिशियलों को डाइट मनी व ट्रैक सूट मिलता है.इसके लिए एक राशि निर्धारित की गई है.आपकी जानकारी के लिए बता दें कि स्कूली खिलाड़ियों में शुरुआत से ही खेल में रूचि उत्पन्न करने के लिए, हरियाणा सरकार उन्हें डाइट भत्ता देती है.

इतना मिलता है भत्ता

राज्य स्तर की प्रतियोगिता के लिए डाइट मनी राशि 200 प्रतिदिन मिलती है. साथ ही राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए प्रतिदिन 250 रूपये खिलाड़ियों को सरकार द्वारा दिया जाता है.
इसके अलावा टीम अथवा खिलाड़ी के साथ जाने वाले आफिशियल को ट्रैक सूट के लिए ढाई हजार रुपये मिलते है. इसी तरह स्पोर्ट्स किट के लिए डेढ़ हजार रुपये मिलते हैं.

इस बार ओलंपिक में हरियाणा का प्रदर्शन

खेलों की राजधानी हरियाणा के खिलाड़ियों ने इस बार टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया.स्वर्ण पदक और रजत पदक विजेता भी इसी प्रदेश से हैं.हरियाणा सरकार खिलाड़ियों को बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करा रही है.ये परिणाम इसी के सकारात्मक नतीजे हैं. हर खेल में अब ये प्रदेश अपना परचम लहरा रहा है.यही वजह है कि सबसे ज्यादा पदक भी यहीं से हैं.

दो फीसदी आबादी, 25 फीसदी खेलों में हिस्सेदारी

हरियाणा में कुश्ती, मुक्केबाजी, हॉकी व कबड्डी के बाद अब निशानेबाजी, टेनिस, एथलेटिक्स के खिलाड़ियों की पौध तैयार की जा रही है.देश की कुल आबादी में हरियाणा की हिस्सेदारी महज दो फीसदी है.टोक्यो ओलंपिक में हरियाणा के 31 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया. देश से टोक्यो पहुंचने वाले कुल खिलाड़ियों का 25 फीसदी हिस्सा है.

सबसे ज्यादा पदक भी यहीं से

हरियाणा के तीन खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण, रवि दहिया ने रजत और बजरंग पूनिया ने कांस्य पदक जीता. हॉकी के कांस्य में भी हरियाणा की हिस्सेदारी है.इस तरह टोक्यो ओलंपिक में भारत की झोली में आए कुल पदक में से 50 फीसदी हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीता.हरियाणा में खिलाड़ियों के लिए सुविधाएं काफी अच्छी हैं और यही कारण है कि यहां सबसे ज्यादा खिलाड़ी तैयार होते हैं.कॉमनवेल्थ, एशियन व ओलंपिक गेम्स में हरियाणा के सबसे ज्यादा पदक होते हैं.यह सरकार की खेल नीति का असर है.

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