आज ओलंपिक में हरियाणा के लाल नीरज चोपड़ा का पाकिस्तान के साथ होगा फाइनल मुक़ाबला, जानिए क्यों हैं गोल्ड के दावेदार?

टोक्यो ओलिम्पिक अब अंतिम पड़ाव पर है. खेलों के महाकुंभ का आज 7 अगस्त को 16 वां दिन है और यह दिन हरियाणा के लोगों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे भारत देश के लिए बहुत अहम है. स्टार जैवलिन थ्रोअर का आज फाइनल मुकाबला पाकिस्तान के खिलाड़ी अरशद नदीम के साथ होगा. इस मैच का हरियाणा के लोगों को तब से इंतज़ार है, जब से मालूम पड़ा है कि इस मैच में पाकिस्तान के खिलाड़ी नदीम अरशद भी शामिल होंगे. यह फाइनल मुक़ाबला आज शाम 4:30 बजे शुरू होगा.

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दरअसल भारत के खिलाड़ी हमेशा पाकिस्तान के खिलाड़ियों को मात देते आए है और आज भी भारत के लोगों को पूरी-पूरी उम्मीद है, कि नीरज चोपड़ा पाकिस्तानी खिलाड़ी नदीम अरशद को पक्का मात देंगे. यह मुक़ाबला वैसे भी रोमांचक होने वाला है क्योंकि क्वालिफिकेशन राउंड में दोनों खिलाड़ियों ने जैसा प्रदर्शन किया, उससे ये साफ हो गया है कि जैवलिन थ्रोअर मेडल के लिए दोनों खिलाड़ी जी-जान झोंक देंगे.

23 साल के नीरज चोपडा ने पहले ही प्रयास में 83.50 मीटर की सीमा को पार करते हुए 86.65 मीटर भाला फेंका था. इस दौरान वे ग्रुप A में टॉप पर थे. वहीं अरशद नदीम ने 85.16 मीटर के थ्रो के साथ फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था. वह ग्रुप B में तीसरे नंबर पर थे. दोनों ग्रुप्स को मिलाकर कुल 12 खिलाड़ी फाइनल के लिए नामित हुए हैं.

ऐसा करने वाले नीरज चोपड़ा पहले भारतीय खिलाड़ी होंगे

ओलंपिक के इतिहास में अभी तक कोई भी भारतीय एथलीट ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में पदक नहीं जीत सका है. टोक्यो ओलंपिक में जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा इस सूबे को खत्म कर सकते हैं.

नीरज चोपड़ा से पदक जीतने की उम्मीद पूरी-पूरी इसलिए भी बढ़ जाती है, क्योंकि रियो ओलंपिक में त्रिनिदाद एंड टोबेगो के केशोरन वाल्कॉट ने 85.38 मीटर जेवलिन थ्रो के साथ कांस्य पदक जीता था. ऐसे में नीरज चोपड़ा अगर अपने वर्तमान बेस्ट थ्रो 88.07 मीटर को ही दोहरा दें, तो वह पोडियम फिनिश कर सकते हैं.

टोक्यो तक का सफ़र

नीरज चोपड़ा ने पिछले साल दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हुए सेंट्रल नॉर्थ ईस्ट मीटिंग एथलेटिक्स चैंपियनशिप के जरिये ओलंपिक का टिकट हासिल किया था. उन्होंने 87.86 मीटर जैवलिन थ्रो कर 85 मीटर के अनिवार्य क्वालिफिकेशन मार्क को पार कर यह उपलब्धि हासिल की थी.

हरियाणा के हैं जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा

हरियाणा के पानीपत जिले के खांदरा गांव में एक छोटे से किसान के घर पर 24 दिसंबर 1997 को नीरज का जन्म हुआ था. नीरज ने अपनी पढ़ाई चंडीगढ़ से की है. नीरज ने 2016 में पोलैंड में हुए IAAF वर्ल्ड U-20 चैंपियनशिप में 86.48 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड जीता था. जिसके बाद उन्हें आर्मी में जूनियर कमिशंड ऑफिसर के तौर पर नौकरी मिली थी.

आर्मी में नौकरी मिलने के बाद नीरज चोपडा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मेरे पिता एक किसान हैं और माँ हाउस वाइफ हैं. मैं एक जॉइंट फैमिली में रहता हूँ. मेरा परिवार में किसी के पास सरकारी नौकरी नहीं है, इसलिए सब मेरे लिए बहुत खुश हैं. उन्होंने आगे कहा था, अब मैं अपनी ट्रेनिंग जारी रखने के साथ साथ अपने परिवार की आर्थिक हेल्प भी कर सकता हूँ.

टोक्यो में गोल्ड का दावेदार क्यों?

नीरज को टोक्यो में गोल्ड मेडल का दावेदार इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि 2016 के रियो ओलंपिक में त्रिनीदाद एंड टोबैगो के किशोरन वॉलकोट ने 85.38 मीटर जैवलिन थ्रो के साथ ब्रॉन्ज जीता था. ऐसे मैं नीरज चोपडा अगर अपने वर्तमान बेस्ट थ्रो 88.07 को ही दोहरा दें तो उनका मेडल पक्का है.

जब नीरज ने पहली बार कमाल कर दिखाया

नीरज चोपडा के कोच जितेंद्र ने बताया कि शिवाजी स्टेडियम में जब पहली बार नीरज चोपडा को उसके चाचा सुरेंद्र चोपडा लेकर आए, तो लगभग छह महीने तक वजन कम करने को लेकर फिट होने तक नीरज से सभी खेल खिलाए गए. नीरज दौड़ने में काफी धीमा निकला, लंबी छलांग, ऊंची छलांग समेत अन्य खेल खेलने के बाद जब उसके हाथ में पहली बार बांस का भाला दिया, तो कुछ गजब हुआ. नीरज ने पहली ही बार में 25 मीटर से दूर भाला फेंक दिया. तभी समझ में आ गया था कि नीरज इस खेल के लिए ही बना है. खुद जितेंद्र ने बताया कि नीरज के चाचा भीम और सुरेंद्र ने हमेशा से नीरज के खेल को बढ़ावा दिया है.

नीरज का ओलंपिक में खेलने का सपना हमेशा से बरकरार रहा है. यह सिर्फ सपना ही नहीं नीरज चोपडा के लिए एक जुनून था. कोच ने बताया कि नीरज ने चाहे कितनी चैंपियनशिप जीती, लेकिन उनका मुख्य उद्देश्य हमेशा ओलंपिक ही रहा. 10 साल के उतार चढ़ाव के बाद लोगों के उद्देश्य बदल जाते हैं लेकिन नीरज का उद्देश्य 10 साल बाद भी बरकरार रहा. यही एक अच्छे खिलाड़ी की पहचान है.

नीरज और अरशद के बीच टक्कर

अरशद नदीम नीरज चोपडा को अपना आदर्श बता चूके हैं. ओलंपिक की आधिकारिक वेबसाइट के प्लेयर प्रोफाइल सेक्शन में नीरज चोपडा को नदीम अपना हीरो बताया है. अरशद नदीम पहले पाकिस्तानी एथलीट हैं जिन्होंने ओलंपिक में किसी भी ट्रैक और फील्ड इवेंट के फाइनल के लिए क्वालीफाई किया है.

इन दोनों का पहले भी मुकाबला हो चुका है, जहाँ दोनों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली थी. नदीम ने भारत में आयोजित दक्षिण एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था. स्वर्ण पदक नीरज चोपडा के नाम रहा था. इसके बाद नदीम ने एशियाई खेलों में रजत पदक जीता, जहाँ चोपडा ने फिर से स्वर्ण पदक जीतकर हरियाणा का नाम रोशन किया था.

गौरतलब है नीरज चोपड़ा एक भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलीट प्रतिस्पर्धा में भाला फेंकने वाले खिलाड़ी हैं. अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद किसी विश्व चैम्पियनशिप स्तर पर एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक को जीतने वाले वह दूसरे भारतीय हैं. बायडगोसज्च्ज़, पोलैंड में आयोजित 2016 आइएएएफ U20 विश्व चैंपियनशिप में उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की थी. आज नीरज चोपड़ा का पाकिस्तान के खिलाड़ी अरशद के साथ मुक़ाबला है और ऐसे में भारत के लोग पूरी तरह से गोल्ड की क़यास लगाए बैठे हैं.

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