Summer Tourist Places: गर्मी की छुट्टियों में इन खूबसूरत वादियों में बनाए घूमने का प्लान, होगा ठंड का एहसास

नई दिल्ली, Summer Tourist Places | यदि आपको भी घूमने- फिरने का शौक है तो आपको पता होगा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन के मामले में सबसे लोकप्रिय राज्यों में से एक है. यहां हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत वादियों का आनंद लेने जाते हैं. वहीं, सरकार की तरफ से इसे सभी सीजन पर्यटन स्थल के साथ- ही कांगड़ा जिले को राज्य की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने पर तेजी से कार्य किया जा रहा है. खूबसूरती के लिहाज से देखा जाए तो कांगड़ा जिला बेहद खूबसूरत जगह है, जहां धर्मशाला में धौलाधार पर्वत श्रृंखला, पालमपुर में हरे भरे चाय के बागान के साथ मंदिर और किले भी देखने को मिल जाते हैं.

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देवों की भूमि कहे जाने वाले कांगड़ा घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको इसके आसपास की जगहों के बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए. आज की इस खबर में हम आपको बताएंगे कि यदि आप कांगड़ा घूमने आते हैं तो आपको इसके साथ और कौन- कौन सी जगह जरूर घूमनी चाहिए.

कांगड़ा के फेमस प्लेस

भारत का सबसे पुराना किला: कांगड़ा घाटी में कांगड़ा किला अपनी भव्यता, धन युद्ध और आक्रमण का गवाह है. इसे हिमालयी क्षेत्र का सबसे बड़ा और भारत का सबसे पुराना किला भी माना जाता है. इस किले की उत्पत्ति के बारे में जानकारी दी गई है कि प्राचीन त्रिगत साम्राज्य से इसकी उत्पत्ति हुई थी. इसका उल्लेख महाभारत में भी मिलता है. वहीं, 1905 में भूकंप की वजह से यह किला क्षतिग्रस्त हो गया, फिर भी अपनी भव्यता के बीच यह पर्यटकों की पहली पसंद बना हुआ है. इस किले में आकर आसपास के सुंदर नजारों का आनंद ले सकते हैं.

ब्रजेश्वरी मंदिर: भारत में 51 शक्तिपीठों में से एक ब्रजेश्वरी मंदिर भी अपनी वास्तुकला और बेजोड़ अध्यात्मिक वाइब्स के लिए जाना जाता है. कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण महाभारत के पांडवों द्वारा करवाया गया था. उनके सपनों में देवी दुर्गा प्रकट हुई थी, जिन्होंने उनके सम्मान में एक मंदिर बनाने का निर्देश दिया था. साल 1905 के भूकंप में जब प्राचीन मंदिर नष्ट हो गया था तो सरकार ने इसका पुनर्निर्माण करवाया. देवी ब्रजेश्वरी को समर्पित मंदिर को कांगड़ा देवी मंदिर के रूप में भी जाना जाता है.

करेरी झील: कांगड़ा के पास करेरी झील के खूबसूरत नजारों को देखने के लिए भी काफी दूर-दूर से पर्यटक यहां आते हैं. इस मीठे पानी की झील को कुमारवाह झील के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि इस झील में पानी बर्फ के पिघलने से इकट्ठा होता है. इस झील का पानी इतना साफ है कि आप झील के तल को भी स्पष्ट रूप से देख सकते हैं. ट्रैकर्स और प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जगह किसी भी स्वर्ग से कम नहीं है, हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक यहां आते हैं.

प्राचीन शिव मंदिर: कांगड़ा कई प्राचीन मंदिरों का गढ़ माना जाता है, इन्हीं में से एक बैजनाथ मंदिर भी है. प्राचीन मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें यहां बैजनाथ के रूप में पूजा जाता है. 1204 ईस्वी में निर्मित इस मंदिर से भक्तों की काफी आस्था जुड़ी हुई है. उनका मानना है कि जो कोई भी यहां प्रार्थना करता है, उसके सभी दुख दर्द दूर हो जाते हैं. यह मंदिर भारत के उन प्राचीन मंदिरों में से एक है जहां भगवान शिव और लंका के राक्षस राजा रावण दोनों की पूजा एक साथ की जाती है.

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