यमुनानगर के किसान ने फूलों और अमरूद के पौधे लगा की खेती, अब कमा रहे लाखों रुपये

यमुनानगर | हरियाणा के यमुनानगर में किसान द्वारा फूलों की खेती और अमरूद के पौधे से लाखों का मुनाफा हो रहा है. जिले के गांव करेड़ा खुर्द निवासी कृष्ण लाल पेशे से डॉक्टर हैं. जो अपने ही गांव में क्लीनिक चलाते हैं. जिसके दो बेटे हैं एक ने यमुना नगर शहर में निजी अस्पताल खोला है जबकि दूसरे लड़के बृजेश ने बीटेक की पढ़ाई के बाद वर्ष 2016 में पॉली हाउस लगाकर अपनी किस्मत आजमाई. जिसने पहली में अच्छा मुनाफा कमाया. उन्होंने धीरे-धीरे खेती की शैली को बदल दिया.

Horticulture Yamunagar

सरकार की ओर से मिला अनुदान

फूलों की खेती और अमरूद के पौधे लगाकर बृजेश ने आधुनिक तकनीक से खेती शुरू की, जिसमें पारंपरिक खेती से ज्यादा मुनाफा हुआ. आज बृजेश ने 4 एकड़ में तरह-तरह के फूलों की खेती की है. एक एकड़ में अमरूद का बाग लगाकर लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. उनका कहना है कि परंपरागत खेती के अलावा अन्य खेती करना ज्यादा लाभदायक है.

जब उन्होंने पॉलीहाउस लगाया तो सरकार की ओर से 60 से 65 फीसदी तक अनुदान दिया और फूलों की खेती को लेकर कई बार सरकार से सब्सिडी भी ली है. जिसके लिए उन्होंने सरकार का आभार व्यक्त किया है.

सरकार द्वारा मिलती है सब्सिडी

उनका कहना है कि अगर किसान पारंपरिक खेती के अलावा फूलों और अन्य बागवानी की खेती करते हैं तो सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती है. साथ ही उन्होंने फूलों की खेती में योगदान देने के लिए उद्यानिकी विभाग के पूर्ण सहयोग की बात स्वीकार की है. उसके पिता गांव में ही डॉक्टर का काम करते हैं और समय-समय पर उसकी मदद भी करते हैं.

सरकार से मिल रहा प्रोत्साहन

बृजेश अपनी खेती माइक्रो इरिगेशन के जरिए करते हैं जिससे पानी की काफी बचत होती है. वो अलग-अलग शहरों में फूल बेचने जाता है, जिससे उसे अच्छा मुनाफा हो रहा है. उन्होंने ऐसे फूलों के बारे में बताया जिन पर बिजली का बल्ब जलाकर फूल उगाए जाते हैं. जिससे शादी के सीजन में फूल अच्छी कमाई करते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें समय-समय पर सरकार से मदद मिलती रहती है.

उन्हें सरकार से बहुत प्रोत्साहन मिल रहा है, सरकार ने फूल रतन के नाम से कृष्ण लाल को एक पुरस्कार भी दिया है, जिसमें उन्हें एक लाख का चेक दिया गया था.

ककड़ी की खेती से अच्छा मुनाफा हुआ

वहीं, बृजेश के पिता कृष्ण लाल ने बताया कि पहले वह पारंपरिक खेती करते थे. जिसमें जीरा, गन्ना, गेहूं की फसल लगाते थे लेकिन उनके छोटे बेटे बृजेश ने पहले पॉलीहाउस लगाकर ककड़ी की खेती की जिसमें अच्छा मुनाफा हुआ. उसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने दूसरे शहरों से फूलों के पौधे लाकर फूलों की खेती शुरू की और आज उसी से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

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