सीएम खट्टर का मंदिर तोड़ने पर बड़ी कार्रवाई, पूर्व पार्षद समेत कई लोगों पर केस दर्ज

भिवानी | हरियाणा में आजकल एक मुद्दा बड़ा चर्चा का विषय बना है जोकि नारनौल शहर में स्थानीय लोगों द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के मंदिर बनाने और नगर परिषद द्वारा उस मंदिर को तोड़ने से जुड़ा हुआ है. अब सीएम खट्टर के मंदिर मामले में प्रशासन की ओर से बड़ी कार्यवाही की गई है.

NARNAUL NEWS

भिवानी जिले के नारनौल शहर के पास खालड़ा की पहाड़ी पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के मंदिर बनाने के मामले में पूर्व पार्षद समेत कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. नगर परिषद की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, बीते शनिवार को नगर परिषद द्वारा उस चबूतरे को तोड़ दिया गया था जिस पर लोग मुख्यमंत्री की तस्वीर रखकर पूजा करते थे. नगर परिषद की कार्रवाई के बाद देर शाम फिर से वहां निर्माण कार्य शुरू होने लगा तो इसकी जानकारी मिलते ही नगर परिषद के एक अधिकारी अभय यादव मौके पर पहुंचे.

नगर परिषद के अधिकारी अभय यादव का कहना है कि पूर्व पार्षद प्रमोद तेरड़िया काफी लोगों के साथ वहां पहले से खड़े थे, जिन्होंने नगर परिषद की कार्रवाई के विरोध में पहले नारेबाजी की और फिर आत्मदाह की धमकी देकर हंगामा शुरू कर दिया. बढ़ते हंगामे की जानकारी मिलते ही एसडीएम व डीएसपी भी मौके पर पहुंच गए. दोनों अधिकारियों के आने के बाद भी स्थानीय लोगों द्वारा काफी हंगामा किया गया. इसके बाद नगर परिषद ने इसकी शिकायत शहर के थाना में दर्ज कराई. जिसके बाद पुलिस ने पूर्व पार्षद प्रमोद तेरड़िया, मिस्त्री दिनेश और चार अन्य लोगों के खिलाफ धारा 147, 149, 186, 353, 447, 511 के तहत केस दर्ज किया है.

जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा के नारनौल शहर के पास खालड़ा की पहाड़ी पर स्थानीय लोगों ने नगर परिषद की जमीन पर एक चबूतरे का निर्माण किया था. जिसके बाद वहां पर मुख्यमंत्री खट्टर की तस्वीर लगा दी और सुबह शाम दीया जला कर पूजा भी करने लगे. इस तमाम घटनाक्रम की खबर मिलने के बाद नगर परिषद द्वारा मौके पर कार्रवाई की गई और मंदिर को बीते शनिवार तोड़ दिया था. नगर परिषद के अधिकारी अभय यादव का कहना था कि ये लोग मुख्यमंत्री का मंदिर बनाने के नाम पर अवैध कब्जा करना चाहते हैं पहले भी इन लोगों द्वारा जमीन कब्जाने की कोशिश की गई है. फिलहाल अवैध जमीन पर कब्जा करने और मुख्यमंत्री का मंदिर तोड़ने से जुड़ा यह पूरा मामला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में विचाराधीन है.

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