हरियाणा में बाढ़ के कारण 1465 गांवों की 2.06 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न, जानिए कितना हुआ नुकसान

चंडीगढ़ | भारी बारिश और बाढ़ ने हरियाणा के सैंकड़ों गावों को प्रभावित किया है, जिससे 1,465 गांवों में लगभग 2.06 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है और 140 लोगों की जान चली गई है. बारिश के कहर से 12 जिले पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, करनाल, कैथल, कुरूक्षेत्र, पानीपत, झज्जर, फतेहाबाद, फरीदाबाद, सोनीपत और पलवल प्रभावित हुए हैं, जिन्हें सबसे ज्यादा प्रभावित जिला माना जा रहा है.

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आपदा एजेंसियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से निकाले 7867 आदमी

इस बीच सेना, राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF) और राज्य आपदा राहत बल (SDRF) की मदद से 7,867 लोगों को निकाला गया. इसके अलावा, राज्य भर में राज्य सरकार द्वारा स्थापित 47 राहत शिविरों में 1,269 लोगों को रखा गया है. इन्हें वहीं शिविरों में भोजन दिया जा रहा है. बाढ़ के कारण किसानी पर खूब प्रभाव पड़ा है.

बाढ़ से इतना हो चुका नुकसान

सूत्रों का कहना है कि राज्य में बाढ़ से गाय और भैंस जैसे 2,079 बड़े पशुधन, 874 छोटे पशुधन और 20,000 मुर्गी प्रभावित हुए हैं. कम से कम 232 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए जबकि 3,878 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए. 6 लोग घायल हो गए जबकि दो लापता बताए जा रहे हैं.

फसलों के साथ किसानों के ट्यूबवेल व मोटरें खराब

पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा है कि बीजेपी- जेजेपी सरकार जानबूझकर बाढ़ प्रभावित निवासियों को मुआवजा देने में देरी कर रही है. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा है कि एक बार फिर सरकार पोर्टल का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारी से बच रही है. लाखों एकड़ की फसलें नष्ट हो गई हैं. खेतों में अब भी पानी जमा है, जिससे अगले सीजन की बुआई भी संभव नहीं हो पा रही है.

यही कारण है कि कांग्रेस ने किसानों के लिए 40,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजे की मांग की है. पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि फसलों के साथ- साथ किसानों के ट्यूबवेल और मोटरें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं और इसके लिए अतिरिक्त मुआवजे की मांग की.

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