हरियाणा: गेस्ट व एडहॉक टीचर्स को तबादले से पहले बड़ा झटका

चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार ने शिक्षक तबादला नीति में संशोधन कर 13800 गेस्ट टीचर्स और एडहॉक शिक्षकों को ऑनलाइन तबादलों से पहले बड़ा झटका दिया गया है. नियमित शिक्षकों के तबादले के लिए इनके पदों को खाली माना जाएगा. ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया में पहली बार यह बड़ा बदलाव किया गया है. अभी तक गेस्ट व एडहॉक शिक्षकों के पद नियमित शिक्षकों के तबादले के लिए खाली नहीं माने जाते थे. इससे गेस्ट है एडहॉक को दूसरे जिलों में दूरदराज स्टेशन मिलेंगे. अभी ये अपने ही जिलों में तैनात थे.

Teacher

शिक्षक तबादला नीति में किए गए संशोधनों के अनुसार पहले नियमित शिक्षकों की तबादला प्रक्रिया सिरे चढ़ाई जाएगी. नियमित शिक्षकों के आने पर सरप्लस होने वाले गेस्ट व एडहॉक शिक्षकों को तुरंत कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा. खाली बचे पदों पर समायोजित करने पर गेस्ट व एडहॉक शिक्षकों के लिए विशेष तबादला ड्राइव चलेगा. इसमें इनसे विकल्प लिए जाएंगे. समायोजन होने के बाद ही इन्हें कार्यमुक्त किया जाएगा. इससे इनकी जोइनिंग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

सेकेंडरी शिक्षा निदेशक ने नीति में संशोधन के बारे सभी डीईओ, डीईईओ, बीईओ, बीईईओ, डाइट, बाईट, गेटी, स्कूल मुखिया, प्रभारियों व एससीईआरटी गुरुग्राम के निदेशक को अवगत करा दिया है. संशोधित नीति में दिव्यांग शिक्षकों को तबादले के लिए अंक मिलेंगे. 31 से 50 फीसदी दिव्यांगता पर 10 अंक, 51 से 75 फीसदी दिव्यांगता पर 20 अंक व 75 फीसदी से अधिक दिव्यांगता पर 80 अंक मिलेंगे.

विरोध में उतरे गेस्ट टीचर्स

निदेशक का पत्र जारी होते ही गेस्ट टीचर्स संशोधन के विरोध में उतर आए हैं. हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ-22 का प्रतिनिधिमंडल राज्य प्रधान सतपाल शर्मा की अध्यक्षता में मंगलवार श्याम चंडीगढ़ में कंवर पाल और सीएम के ओएसडी भूपेश्वर दयाल से मिला.

उन्होंने शिक्षा मंत्री के सामने अपनी समस्या रखी और कहां की नियमित शिक्षकों की तुलना में गेस्ट टीचर एक तिहाई वेतन ले रहे हैं. वे अपने घर से 200 किलोमीटर की दूरी पर किस प्रकार गुजारा कर सकते हैं. शिक्षा मंत्री ने यह बात मानी कि इतनी कम राशि में एक व्यक्ति का 200 किलोमीटर दूरी पर जाकर नौकरी करना संभव नहीं है.

सीएम से बात करेंगे शिक्षा मंत्री

गेस्ट टीचर्स ने उनके पदों को तबादलों के लिए खाली न मानने का आग्रह किया है. साथ ही चेतावनी दी है कि अगर वर्तमान स्कूलों से उन्हें दूसरे जिलों में भेजा गया तो आंदोलन के साथ हाई कोर्ट का रुख करेंगे. जिससे पूरी तबादला प्रक्रिया पर रोक भी लग सकती है. गेस्ट टीचर्स नेता धर्मबीर कौशिक ने कहा है कि समान काम-समान वेतन तक उनके पदों को तबादला नीति में खाली न माना जाए. शिक्षक संघों के दबाव में शिक्षा निदेशालय ने यह फैसला लिया है. इसके विरोध में कोर्ट जाने से भी नहीं हिचकिचाएंगे. शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया है कि मंगलवार शाम को वह इस बारे में सीएम से बात करेंगे.

पदों को खाली न मानने के लिए कहा था: भूपेश्वर

सीएम के ओएसडी भूपेश्वर दयाल ने कहा है कि सरकार ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को गेस्ट व एडहॉक टीचर्स के पदों को तबादलों के लिए खाली न मानने को कहा गया था. यदि पद खाली माने गए हैं तो सीएम के समक्ष इस मुद्दे को रखेंगे. गेस्ट टीचर्स का प्रतिनिधिमंडल निदेशक सेकेंडरी से भी मिला, उन्होंने कहा कि यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर की बात है.

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