सीएम खट्टर ने ‘नगर दर्शन पोर्टल’ किया लांच, अब आसानी से दर्ज करा सकते हैं शिकायत

चंडीगढ़। हरियाणा के नागरिकों के लिए सेवाओं को सीधे सुलभ बनाने के अपने निरंतर प्रयास में, मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली सरकार हरियाणा के निवासियों को एक नया वेब पोर्टल दे रही है, जो सीधे हरियाणा के नागरिकों की मांगों, सुझावों, शिकायतों को प्राप्त करेगी. यह पहल हरियाणा ग्राम दर्शन पोर्टल की तर्ज पर है, जिसे मुख्यमंत्री द्वारा लॉन्च किया गया था. हरियाणा के गांवों में रहने वाले लोग अब शिकायतें दर्ज करने और राज्य सरकार को सुझाव देने में सक्षम हैं, जिससे शिकायतों का समय पर निपटान सुनिश्चित हो सके.

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सीएम ने किया लांच

इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदेश की जनता की सुविधा के लिए आज नगर दर्शन पोर्टल http://nagardarshan.ulbharyana.gov.in लांच किया गया है. इस पोर्टल के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपने शहर की जरूरत के अनुसार मांग, शिकायत या सुझाव दर्ज करा सकता है.बता दें कि शहरी स्थानीय निकायों के संपूर्ण रिकॉर्ड को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए ‘नगर दर्शन’ पोर्टल  लॉन्च किया गया है

सीएम ने लांचिंग के दौरान कही ये बात

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ‘नगर दर्शन’ पोर्टल का शुभारंभ करते हुए कहा कि अब नागरिक अपने वार्ड से संबंधित किसी भी प्रकार की मांग को ‘नगर दर्शन’ पोर्टल पर डाल सकेंगे. इसके अलावा वे इस पोर्टल पर शिकायत और सुझाव भी दे सकते हैं, जो स्वत: ही संबंधित विभाग को आगे की कार्रवाई के लिए भेज दिए जाएंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर दर्शन पोर्टल के शुभारंभ से अब हरियाणा के प्रत्येक निकाय में लागू किये जा रहे विकास कार्यों सहित नये विकास कार्यों की मांग का पूरा डाटा ऑनलाइन उपलब्ध होगा. साथ ही यह कार्यों की विश्वसनीयता बढ़ाने में भी कारगर साबित होगा और नागरिकों के लिए सूचना के स्रोत के रूप में कार्य करेगा. इससे विकास योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में भी मदद मिलेगी.

उन्होंने आगे कहा कि नगर दर्शन का मुख्य उद्देश्य निकायों की वेबसाइटों के माध्यम से सभी सरकारी सेवाओं को नागरिकों के लिए सुलभ बनाना और उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए ऐसी सभी सेवाओं की दक्षता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना है.

सीएम ने कहा कि यह राज्य सरकार की दृष्टि है कि हरियाणा में प्रत्येक निकाय की अपनी वेबसाइट होनी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शहर के निवासी अपने क्षेत्र में किए जा रहे विभिन्न विकास कार्यों और परियोजनाओं से अवगत हों. इससे वे अपनी जरूरत के मुताबिक राज्य सरकार के सामने अपनी मांग रख सकते हैं.

इन दोनों पोर्टलों का है अनूठा संगम

प्रौद्योगिकी और विकेंद्रीकरण का अनूठा संगम
ये दोनों पोर्टल प्रौद्योगिकी और विकेंद्रीकरण के बीच संबंध का एक आदर्श उदाहरण हैं. मुख्यमंत्री मनोहर लाल पहले ही सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से अंतिम छोर और अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने पर अपनी सरकार के ध्यान पर जोर दे चुके हैं. सीएम विंडो, ई-ऑफिस, परिवार पहचान पत्र, अंत्योदय सरल पोर्टल जैसी कई पहलों ने अपनी क्षमता साबित की है.

सूचना प्रौद्योगिकी न केवल भ्रष्टाचार के दायरे को कम करती है बल्कि शासन में जवाबदेही और पारदर्शिता भी सुनिश्चित करती है.सशक्त और आत्मनिर्भर पंचायतें और स्थानीय निकाय 73वें और 74वें संविधान संशोधन के बाद पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों को संवैधानिक दर्जा दिया गया.राज्य सरकारों को इन तीसरी श्रेणी की सरकारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शक्तियों का हस्तांतरण करना चाहिए था.

हालाँकि, यह केवल एक सैद्धांतिक अवधारणा बनकर रह गया. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पहले दिन से ही घोषणा कर दी है कि वह पंचायतों और स्थानीय निकायों को सचमुच आत्मनिर्भर बनाएंगे. उनका केंद्रित दृष्टिकोण पहली बार तब देखा गया जब हरियाणा ने पंचायत चुनावों में न्यूनतम योग्यता निर्धारित की, इस प्रकार शिक्षित पंचायतों की अवधारणा को बढ़ावा दिया, न केवल विद्वानों और बुद्धिजीवियों से बल्कि आम आदमी से भी सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त करने के बाद, जो इन निर्वाचित प्रतिनिधियों के सीधे संपर्क में है,

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