अप्रैल माह के मिड डे मील में बड़ा गड़बड़झाला आया सामने, मौलिक शिक्षा निदेशालय में मचा हड़कंप

चंडीगढ़ । हरियाणा के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील को लेकर बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है. पहली से आठवीं कक्षा तक के करीब 16 लाख बच्चों को अप्रैल महीने का मिड डे मील केवल कागजों में ही परोसा गया. कागज़ों में दोपहर का भोजन पकता रहा, लेकिन बच्चों को सुखा राशन तक नसीब नहीं हुआ. हैरानी भरी बात यह है कि शिक्षा निदेशालय को इसकी भनक तक नहीं लगी.

mid day meal

मौलिक शिक्षा निदेशक अंशज सिंह भी यही समझते रहे कि स्कूलों में बच्चों को मिड- डे मील परोसा जा रहा है लेकिन ऐसा हुआ ही नहीं. राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा जब इस मामले की पोल खोल दी गई तो मौलिक शिक्षा निदेशालय में हड़कंप मच गया. अब अंशज सिंह ने मिड डे मील शाखा से रिपोर्ट मांगी है कि अप्रैल माह में स्कूली बच्चों को दोपहर का भोजन क्यूं नहीं मिला. मुख्यालय स्तर से जिलों को राशन की आपूर्ति क्यों नहीं की गई है.

अब विक्रेता के जरिए होगी राशन की खरीद

2 मई, 2022 को मौलिक शिक्षा निदेशक अंशज सिंह के ताजा आदेश ने शिक्षकों की परेशानी बढ़ा दी है. अब गेहूं, चावल के अलावा अब अन्य सभी प्रकार का राशन, मसाले, मौसमी सब्जियां, खीर के लिए दूध, गैस सिलिंडर आदि की खरीद किसी विक्रेता के जरिये की जाएगी. विभाग स्कूल के खातों में कोई राशि देने के बजाय पीएफएमएस यानि पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम से ही सीधे विक्रेता के खाते में डालेगा. स्कूल अपनी तरफ से बीईओ को विक्रेता का सत्यापित विवरण देगा, फिर बीईओ से डीईईओ तक सत्यापित होकर अंत में डीईईओ स्तर पर अपडेट किया जाएगा.

मिड- डे मील पकाने को लेकर ये है दिक्कतें

  • ग्रामीण स्तर पर प्राइमरी स्कूलों में ऑनलाइन बिल सिरे चढ़ाने में दिक्कत
  • महंगाई बढ़ने पर वर्तमान कुकिंग लागत में खाना बनाना मुश्किल
  • विक्रेता सत्यापित करने के लिए शिक्षकों को कोई तकनीकी ज्ञान नहीं
  • सभी प्रकार के राशन की खरीद एक ही दुकानदार से संभव नहीं
  • राशन खरीद के समय भुगतान एडवांस में करने के लिए बजट नहीं

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