हरियाणा की मंडियों में 2100 रूपये तक पहुंचा गेंहू का दाम, जानिए क्या है कारण

चंडीगढ़ । इस बार मंडियों में आवक कम होने से गेहूं के भाव में एक बार फिर तेजी आने लगी है. अब तक मंडियों में रोजाना पहुंच रहे गेहूं की मात्रा कम होने से निजी खरीद फिर तेज हो रही है. ऐसे में बोली 2100 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंचनी शुरू हो गई है. सरसों के बाद अब गेहूं का बाजार भाव भी किसानों को उत्साहित कर रहा है. मंडियों में गेहूं की आवक धीमी होते ही बाजार भाव एमएसपी से करीब 100 रुपये ज्यादा हो गया है. सरकार की तरफ से गेहूं का एमएसपी 1500 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया था, वहीं बाजार में गेहूं 2100 रुपये पर पहुंच रहा है.

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इस वजह से हो रही है ज्यादा पर खरीद

मंडियों में सरकारी खरीद की शुरुआत में भी यही स्थिति थी, लेकिन तब 2030 से 2050 तक निजी बोली 2050 रुपये प्रति क्विंटल तक जा रही थी.दरअसल, इस बार खराब मौसम का फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. इससे अन्य वर्षों की तुलना में उत्पादन कम हो रहा है, जिससे बाजार में गेहूं के भाव बढ़ रहे हैं. सरसों की फसल पहले से ही एमएसपी से काफी अधिक कीमत पर बिक रही है. सरसों का एमएसपी 5050 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन किसानों को इसके लिए 6,000 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक मिल रहा है.

अभी भी मंडियों में आ रहा सरसों

कुछ किसानों ने सरसों की कीमत में और बढ़ोतरी की उम्मीद में इस फसल को घर के अंदर रख लिया है. सरकार की ओर से अप्रैल की शुरुआत से ही गेहूं की खरीद की जा रही है, लेकिन आवक कम है. बहादुरगढ़ में दो मंडियों को मिलाकर करीब 15 हजार क्विंटल गेहूं की खरीद हो चुकी है. सरकारी एजेंसियों को दो साल से सरसों की फसल नहीं मिल रही है. इस बार गेहूं को लेकर स्थिति विकट है.

अभी गेहूं की मांग है ज्यादा

बहादुरगढ़ में शहर की अनाज मंडी के अलावा असोड़ा में फसल सीजन में गेहूं की खरीद के लिए अस्थाई बाजार लगाया गया है. लेकिन अब तक दोनों मंडियों में जितनी आवक हुई है, उसका कुछ हिस्सा व्यापारियों ने ही खरीदा है. यदि आवक अधिक है, तो अधिकांश खरीदारी निजी होने की संभावना है. बहादुरगढ़ मंडी के व्यापारी पवन गुप्ता का कहना है कि अभी गेहूं की मांग ज्यादा है. इसलिए बाजार भाव ज्यादा है.

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