कैदी की जेल में मौत होने पर मुआवजा देगी हरियाणा सरकार, जानें क्या है जेल विभाग का नया आदेश

चंडीगढ़ | अक्सर किसी बड़ी सामाजिक और आकस्मिक दुर्घटना, दंगों, प्राकृतिक आपदाओं, त्रासदियों, हमलों या अन्य प्रकार की दुर्घटनाएं/गतिविधियां जिसमें किसी की मृत्यु हो जाए उस शख्स के परिवार को सांत्वना के तौर पर केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा मुआवजा राशि प्रदान की जाती है. अब हरियाणा सरकार के जेल विभाग द्वारा हरियाणा के जेलों में मरने वाले कैदियों को मुआवजा प्रदान करने के लिए एक नई नीति लाई गई है.

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हरियाणा सरकार की जेल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजीव अरोड़ा, आईएएस द्वारा आधिकारिक रूप से अधिसूचना जारी की गई जिसे 6 जुलाई को अधिसूचित भी कर दिया गया है. जिसमें मुख्य रुप से लिखा गया, “हरियाणा राज्य स्थित कारागारों में बंद कैदियों की मृत्यु होने पर मुआवजा राशि प्रदान करने हेतु हरियाणा के राज्यपाल इस नीति को बनाने हेतु सहमत है.”

जेल विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, प्राकृतिक रूप से हुई मृत्यु, जिनमें किसी बीमारी के कारण हुई मृत्यु भी शामिल है, कोई मुआवजा राशि रही नहीं मिल सकेगी. जहाँ तक अप्राकृतिक कारणों से हुई मृत्यु में दो परिस्थितयों में मुआवजा राशि नहीं मिल सकेगी. पहला बन्दी की जेल से फरारी या कानूनी हिरासत से भागते समय मृत्यु होने पर और दूसरा अगर कैदी की किसी प्राकृतिक आपदा/विपत्ति के कारण मृत्यु हुई हो.

अधिसूचना में आगे लिखा गया है कि अन्य अप्राकृतिक परिस्थितियों में बन्दी की मृत्यु का विषय है तो अगर जेल में बन्दियों के बीच आपसी झगड़े के कारण, जेल कर्मचारियों द्वारा बन्दी को प्रताड़ित/पिटाई किये जाने के कारण, जेल अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा ड्यूटी में लापरवाही बरतने के कारण, चिकित्सा अधिकारियों/पैरा मेडिकल स्टाफ की लापरवाही के कारण अगर किसी बन्दी की मृत्यु होती है, तो ऐसी परिस्थिति में साढ़े सात लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जायेगी. इसी प्रकार अगर किसी बन्दी द्वारा आत्महत्या करने के कारण मृत्यु होती है, तो उसे पांच लाख रुपये की मुआवजा राशि मिल सकेगी. यह धनराशि मृतक बन्दी के परिजनों/परिवार-वालों या कानूनी तौर पर उत्तराधिकारियों को प्राप्त हो सकेगी.

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मुआवजा राशि प्राप्त करने के लिए सम्बंधित जेल के सुपरिन्टेन्डेन्ट (अधीक्षक) को बन्दी की मृत्यु की विस्तृत रिपोर्ट, न्यायिक जांच रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मृत्यु के कारणों की अंतिम/फाइनल रिपोर्ट, बन्दी के जेल में प्रवेश के समय की मेडिकल हिस्ट्री एवं चिकित्सा उपचार का विवरण आदि सभी आवश्यक दस्तावेज जेल विभाग के महानिदेशक (डायरेक्टर-जनरल) को भजने होंगे जो उन्हें आगे राज्य सरकार को भेजेगा. जिसके बाद मृत बंदी को मुआवजा राशि मिल पाएगी.

जेल विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में इस बात को भी स्पष्ट किया गया है कि मुआवजा मिलने की यह नीति हरियाणा राज्य स्थित कारागारों में होने वाली बंदियों की अप्राकृतिक मृत्यु होने की स्थिति में ही लागू होगी. हरियाणा सरकार के गृह विभाग के सचिव/विशेष सचिव उक्त नीति में मुआवजा राशि स्वीकृत करने के लिए अधिकृत होंगे. इससे पहले हरियाणा के जेलों में कैदियों की मृत्यु होने पर मुआवजा देने की नीति नहीं थी हालांकि जिन मृत कैदियों के परिवार जन मुआवजे की मांग करते थे उन्हें उपयुक्त राशि प्रदान करवाई जाती थी.

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