हरियाणा सरकार MSP रेट पर खरीदेगी पराली, ऐसे लोगो को मिलती है प्रोत्साहन राशि

चंडीगढ़ | पराली प्रबंधन को लेकर गंभीर दिख रही हरियाणा की मनोहर सरकार ने अब इस दिशा में काम करना भी शुरू कर दिया है. पराली जलाने की घटनाओं पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने किसानों से पराली खरीदने का फैसला लिया है. इसके लिए प्रदेश सरकार ने एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है जो पराली के बहुउपयोग तथा उसका न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित करेगी.

Parali Tractor

हरियाणा के कृषि महानिदेशक इस कमेटी के चेयरमैन होंगे. इसके अलावा, इस कमेटी में शामिल अन्य सदस्य नवीन एवं अक्षय ऊर्जा विभाग (हरेडा) के महानिदेशक तथा वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मुकेश जैन, डा. बलदेव डोगरा और डॉ. जगमहेंद्र नैन होंगे. यह कमेटी नई साल तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. इस रिपोर्ट में कमेटी की जो सिफारिशें होगी, उन्हें धान के अगले सीजन से लागू किया जाएगा.

हरियाणा ने पाया है काबू

सीएम मनोहर लाल ने दावा करते हुए कहा है कि हमारी सरकार पराली न जलाने को लेकर राज्य के किसानों को काफी हद तक जागरूक करने में कामयाब हुई है लेकिन पंजाब में ऐसा कुछ होता नजर नहीं आ रहा है. सीएम ने बताया कि प्रदेश में हर सीजन में करीब 60 लाख टन पराली निकलती है. इसमें से 15 लाख टन पराली उपयोग में लाई जा रही है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार द्वारा पराली की बेल बनाने वाले किसानों को एक हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. इसके अलावा पराली के उपयोग पर आधारित नए उद्योग अथवा प्लांट लगाने पर विचार किया जा रहा है.

सीएम मनोहर लाल ने बताया कि ये उद्योग अथवा प्लांट किस तरह के होंगे. यह उच्चस्तरीय कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही तय किया जाएगा. उन्होंने बताया कि नारायणगढ़ व शाहबाद चीनी मिलों समेत राज्य के 24 उद्योगों ने पराली को ऊर्जा खपत के रूप में इस्तेमाल करने हेतु अपनी सहमति प्रदान की है. वहीं, इंडियन आयल कारपोरेशन के सहयोग से पानीपत में स्थित एथेनॉल प्लांट में भी आसपास के चार जिलों की पराली खपत हो रही है.

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