पराली प्रबंधन को लेकर हरियाणा सरकार गंभीर, किसानों को फ्री में बांटेगी पूसा बायो डी-कंपोजर

चंडीगढ़ | हरियाणा में धान कटाई का सीजन जोर पकड़ चुका है. धान कटाई के बाद बचे फसल अवशेष (पराली) का प्रबंधन करना किसानों के सामने बड़ी चुनौती बनी रहती है. ऐसे में किसानों को मजबूरी में पराली जलानी पड़ती है जिससे वायु प्रदुषण अपनी चरम सीमा पर पहुंच जाता है. ऐसे में प्रदुषण की समस्या को देखते हुए हरियाणा सरकार ने पहले ही ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. पराली प्रबंधन को लेकर प्रदेश सरकार ने किसानों को प्रोत्साहन राशि देने का ऐलान किया हुआ है.

Parali Tractor

कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर नाराजगी जताते हुए सोमवार को धान उत्पादक 10 जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिए कि पराली के प्रति किसानों में जागरूकता के लिए अभियान में तेजी लाई जाए. पराली निस्तारण को लेकर प्रदेश सरकार ने किसानों को पूसा बायो डी-कंपोजर मुफ्त में देने की घोषणा कर दी है.

वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपायुक्तों के साथ बैठक कर रहीं डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि गांव लेवल पर कर्मचारियों की तैनाती की जाए. सरकार द्वारा इन-सीटू व एक्स-सीटू प्रबंधन पर दी जाने वाली एक हजार रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि के लिए अधिक से अधिक किसानों से पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया जाए.

अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि विभाग ने जिला उपायुक्तो को निर्देश देते हुए कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में ग्राम स्तरीय सूक्ष्म योजना बनाते हुए उपलब्ध फसल अवशेष प्रबंधन मशीनरी के प्रयोग को बढ़ावा देने हेतू हरसंभव प्रयास किए जाएं. इसके साथ ही पराली जलाने की संभावित घटनाओं की रोकथाम करने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए. वहीं, पंचायतों के माध्यम से भी किसानों को जागरूक किया जाए.

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