हरियाणा: भैसों के दामों में आ रही है गिरावट, ये है बड़ा कारण

चंडीगढ़ | चारे की बढ़ती कीमत से लोगों का पशुपालन से मोहभंग हो रहा है. जिससे भैंसों की मांग में भी कमी आई है. इन दिनों भैंसों के ब्यात कम पड़ जाते हैं, जिससे रेट में 15 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो जाती है. लेकिन इन दिनों उल्टा हो रहा है. ब्यात कम होने के बावजूद भैंसों के खरीदार ज्यादा नहीं हैं. इसका सबसे बड़ा कारण हरे चारे की उच्च दर है.

Buffalo

ये है कारण

तुड़ी 1200 रुपये प्रति क्विंटल है. गेहूं की कटाई के मौसम के दौरान तुड़ी की कमी रही. जिससे ज्वार के भाव भी बहुत अधिक होते हैं. धान की रोपाई से पहले वाली ज्वार के भाव भी इस बार बाकी साल की तुलना में लगभग दोगुने हैं. वहीं, खल, बिनौला, सरसों भी काफी महंगे हैं. पशुओं के चारे की कीमत के कारण पशुपालन लोगों के लिए मुनाफे का सौदा नहीं लग रहा है. पशु चिकित्सक वकीला ने बताया कि दूध का भाव 80 रुपये प्रति किलो है, लेकिन इस रेट पर भी खर्च पूरा नहीं हो रहा है. जिससे लोगों ने दूध का काम छोड़ना शुरू कर दिया है. वहीं गांवों में भी किसानों ने पशुपालन का काम कम कर दिया है.

भैंसों की कीमत में कमी का कारण भीषण गर्मी है. गर्मी के कारण भैंसें बीमारियों की चपेट में आ रही हैं. जिससे भैंसों के प्रजनन में भी समस्या आ सकती है. ऐसे में व्यापारी भैंस ब्यात से पहले भैंस नहीं खरीद रहे हैं. भैंस हरियाणा से पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में जाती हैं. लेकिन वहां के व्यापारी भी बहुत कम आ रहे हैं. जिससे भैंस के रेट में कमी आई है.

कब होगी भैंसों के दामों में गिरावट

गर्मियों में भैंसों में दूध का उत्पादन कम हो जाता है. जिससे दूध के दाम बढ़ जाते हैं. वर्तमान में दूध का उत्पादन कम होने से लोगों को लस्सी नहीं मिल पा रही है. जून के साथ-साथ जुलाई में भी पशुओं के ब्यात कम रहने के कारण दूध की कमी होगी. उसके बाद अगस्त माह में पशुओं के आयात में वृद्धि होगी, जिससे दूध का उत्पादन बढ़ेगा और भैंस के भाव में गिरावट आएगी.

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