चंडीगढ़ मेयर चुनाव का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, विपक्ष ने लगाया लोकतंत्र की हत्या का आरोप; समझें गेम प्लान

चंडीगढ़ | हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में मेयर चुनाव में BJP की जीत के साथ ही विपक्ष ने मेयर चुनाव को लेकर सवाल उठाना शुरू कर दिया है. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों ने बीजेपी पर धांधली कर चुनाव जीतने का आरोप लगाया है. वहीं, पंजाब- हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. याचिका में चुनाव को अवैध घोषित करने के साथ ही पीठासीन अधिकारी के खिलाफ मतपत्र चोरी का मामला दर्ज करने की मांग की गई है.

Punjab and Haryana High Court

निगम में हैं कुल 35 पार्षद

बता दें कि चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 पार्षद हैं और एक सांसद का वोट होता है. कुल 36 वोटों वाले मेयर चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए 19 वोटों के आंकड़े तक पहुंचना जरूरी था. बीजेपी का अपने पार्षदों और सांसदों को मिलाकर संख्या बल 15 वोटों तक पहुंच रहा था. अगर शिरोमणि अकाली दल के एकमात्र पार्षद का वोट भी जोड़ दिया जाए तो बीजेपी का वोट 16 पहुंच रहा था.

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वहीं, आम आदमी पार्टी के 13 और कांग्रेस के 7 मिलाकर वोटों की संख्या 20 थी. जब दोनों पार्टियों ने हाथ मिलाया और साझा उम्मीदवार उतारा तो मेयर चुनाव में गठबंधन की जीत तय मानी जा रही थी लेकिन जब नतीजे आए तो बीजेपी ने जीत दर्ज की.

क्या कहते हैं आंकड़े?

कांग्रेस और आप उम्मीदवारों के पक्ष में पड़े 20 वोटों में से 8 वोट खारिज हो गए. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के वोट माइनस 13 प्लस 7 हो गए यानी 20 में से 8 वोट खारिज हो गए. इसके बाद, दोनों पार्टियों के साझा उम्मीदवार के लिए सिर्फ 12 वैध वोट बचे थे. बीजेपी उम्मीदवार मनोज सोनकर के पक्ष में 16 वोट पड़े जबकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को 12 वैध वोट मिले. वोटों की गिनती के बाद बीजेपी प्रत्याशी को विजयी घोषित किया गया.

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ये है नंबर गेम

चंडीगढ़ नगर निगम में बीजेपी के 14 पार्षद हैं. संख्या बल के हिसाब से बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है. चंडीगढ़ नगर निगम में बीजेपी के बाद आम आदमी पार्टी 13 पार्षदों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. कांग्रेस के सात और शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है. चंडीगढ़ मेयर चुनाव में स्थानीय सांसदों को भी वोट देने का अधिकार है. चंडीगढ़ से बीजेपी की किरण खेर सांसद हैं. अगर किरण खेर को भी शामिल कर लिया जाए तो बीजेपी की ताकत 15 तक पहुंच जाती है जबकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस, जिन्होंने साझा उम्मीदवार खड़ा किया है उनकी ताकत 20 पार्षदों की है.

विपक्ष ने लगाए ये आरोप

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर कहा है कि अगर ये लोग मेयर के चुनाव में इतना नीचे गिर सकते हैं तो देश के चुनाव में किसी भी हद तक जा सकते हैं.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘जो बीजेपी मेयर चुनाव में पूरी दुनिया के सामने लोकतंत्र की हत्या कर सकती है, वह दिल्ली में सत्ता में बने रहने के लिए क्या करेगी, यह कल्पना से परे है. वर्षों पहले आज ही के दिन गोडसे ने गांधीजी की हत्या की थी और आज गोडसेवादियों ने उनके आदर्शों और संवैधानिक मूल्यों की बलि चढ़ा दी.

यूपी के पूर्व सीएम और एसपी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, ‘चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बहुमत न होने के बावजूद जिस तरह से बीजेपी ने अपनी ताकत का दुरुपयोग किया है और अधिकारियों पर दबाव बनाकर चुनाव में धांधली कराई है, उसका तुरंत संज्ञान लिया जाना चाहिए. न केवल चुनाव आयोग बल्कि सुप्रीम कोर्ट को भी संविधान का प्रहरी माना जाना चाहिए.

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