ग्राम पंचायत के प्रशासकों की पावर घटाई, अब मनमर्जी से नहीं करवा सकेंगे कोई कार्य

चंडीगढ़ | विकास और पंचायत विभाग ने दो लाख से अधिक बजट वाली योजनाओं को अब ई टेंडर से पूरा करवाने का फैसला लिया है. बीडीपीओ को प्रशासक शक्तियां देकर ग्रामीण विकास योजनाओं के क्रियान्वन में लगातार बढ़ रहे घोटाले से तंग आकर विकास एवम पंचायत विभाग ने ये फैसला लिया है. भविष्य में प्रशासक और बीडीपीओ कोई भी योजना अपनी मनमर्ज़ी से पूरी नहीं करवा पाएंगे.

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प्रदेश सरकार के विकास एवम पंचायत विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय द्वारा जारी किए गए पत्र में बताया है कि मौजूदा समय में पांच लाख तक विकास योजनाओं को ग्राम पंचायत के प्रशासक के तौर पर देख रहे अधिकारी करवा रहे हैं जिससे लगातार अनिमियत्ताएं बढ़ रही हैं. सभी प्रशासक अपने अपने क्षेत्र में पहले से संचालित योजनाओं की जानकारी 5 अप्रैल तक पंचायत विभाग के जिला मुख्यालय को साझा करें.

अब नए पैटर्न में 2 लाख से अधिक की योजनाओं को पहले ई टेंडर प्रक्रिया में शामिल कर ओपन मार्केट में निर्माण एजेंसी को सौंपा जाएगा. अब विकास एवम पंचायत विभाग की केंद्र, प्रदेश सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं पर अब प्रशासकों को खुली शक्तियों के बजाए विभाग के कार्यकारी अभियंता व अधीक्षक अभियंता के मार्गदर्शन में पहले कंप्यूटर पर ऑनलाइन टेंडर के दायरे में लाना होगा. जिससे कार्य में पारदर्शिता आएगी.

अब नहीं लिए जा सकेंगे मनमाने फैसले

22 फरवरी 2021 को पंचायती राज कार्यकाल पूरा होने के बाद ग्राम पंचायतों का बीडीपीओ व पंचायत समितियों का एसडीएम के माध्यम से बतौर प्रशासक कामकाज चल रहा है जिसमे मौजूदा समय में अकेले दादरी नहीं बल्कि समस्त बीडीपीओ कार्यालयों में मनमाने फैसलों से काम चल रहा है जहां पारदर्शिता बिल्कुल भी नहीं है. बीपीडीओ ग्राम पंचायतों के अधिकार वाले पेयजल घरों से लेकर पहले समय से निर्मित सड़कों के नाम पर रातोंरात प्रस्ताव जारी कर पैसे की निकासी जारी की जा रही है जिससे नए फैसलों ने अब कुछ अंकुश लगेगा.

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