आज तक क्यों नहीं बना कोई मुस्लिम जज, पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका

चंडीगढ़ । पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में 1956 से अब तक कोई भी मुस्लिम समुदाय का जज न बनने की दलील देते हुए मुस्लिमों को भी जजों के पदों पर नामाअंकित करने की मांग को लेकर याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी. जिसको पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इस याचिका पर विस्तृत फैसला आना अभी बाकी है.

Punjab and Haryana High Court

हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका

चंडीगढ़ के एक गैर सरकारी संगठन ने जनहित याचिका दाखिल करते हुए, हाईकोर्ट के जजों के रिक्त पदों का मुद्दा उठाया था. बता दें कि इस याचिका में बताया गया था कि पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के जजों के 85 पद स्वीकृत है, जिसमें से 38 पद रिक्त है. इतनी संख्या में लंबित पद होने के कारण हाईकोर्ट में मामले बढ़ते जा रहे हैं. वही न्यायालय को बताया गया कि जहां 2020 में लंबित मामलों की संख्या 541000 थी. वहीं 2021 में यह बढ़कर 645000 तक पहुंच गई.

साथ ही यह मुद्दा उठाया गया कि 1956 में जब से हाईकोर्ट बना है तब से लेकर आज तक, मुस्लिम समुदाय का एक भी व्यक्ति जज नहीं बनाया गया. वही याचिकाकर्ता ने कहा कि न्यायपालिका में मुस्लिम समुदाय को प्रतिनिधित्व देना बहुत आवश्यक है. इस बारे में याचिकाकर्ता द्वारा प्रधानमंत्री को भी मांग पत्र दिया गया था. याची ने कहा था कि चाहे तो देश हो या किसी भी हिस्से में मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति को न्यायालय में जज बना कर अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करना बेहद जरूरी है. हाई कोर्ट द्वारा दलीलें सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया गया.

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