हरियाणा में पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने वालों की खैर नहीं, बना ये कानून

चंडीगढ़ | हरियाणा में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से मुआवजे की वसूली का रास्ता साफ हो गया है. राज्य सरकार ने वसूली के नियम अधिसूचित कर दिए हैं. हरियाणा संपत्ति क्षति वसूली नियमावली 2022 के तहत सार्वजनिक व्यवस्था में गड़बड़ी के दौरान दंगाइयों और उपद्रवियों से वसूली की जा सकती है. मुआवजा नहीं देने की स्थिति में संपत्ति कुर्क करने का भी कानून में प्रावधान किया गया है.

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2021 में डैमेज रिकवरी बिल को मंजूरी मिली

पूर्व राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने 2021 में डैमेज रिकवरी बिल को मंजूरी दे दी है. गृह विभाग ने अब 9 दिसंबर को कानून के नियम अधिसूचित किए हैं. पुलिस को घटना के साठ दिनों के भीतर अपनी प्रथम सूचना रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रस्तुत करनी होगी. रिपोर्ट के आधार पर मजिस्ट्रेट सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान के लिए मुआवजे के दावों की मांग करेगा.

30 दिनों में लोगों से दावे मांगने का नोटिस जारी होगा

60 दिनों के बाद रिपोर्ट मिलने पर मजिस्ट्रेट अगले 30 दिनों में लोगों से दावे मांगने का नोटिस जारी करेंगे. मुआवजे का दावा पीड़ित व्यक्ति स्वयं या मजिस्ट्रेट के समक्ष कानूनी प्रतिनिधि के माध्यम से दायर कर सकता है. स्वतंत्र मूल्यांकन एजेंसी सात दिनों के भीतर दावे पर अपनी रिपोर्ट देगी.

दावा दायर करने में चूक के मामले में पीड़ित द्वारा पर्याप्त कारण दिखाने पर जिला मजिस्ट्रेट 15 दिनों की अवधि के लिए देरी को माफ कर सकता है. आवेदक को मुआवजे के दावे के आवेदन के साथ डिमांड ड्राफ्ट या पोस्टल ऑर्डर के माध्यम से पांच सौ रुपये शुल्क का भुगतान करना होगा. जिलाधिकारी 20 दिन में अपनी रिपोर्ट देंगे.

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