जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए हरियाणा में किसानों को मिलेगा पैसा, जानिए कैसे?

चंडीगढ़ ।  राज्य सरकार जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए योजना बनाने जा रही है, जानकारी के मुताबिक़ हरियाणा सरकार का मानना है कि फसल विविधिकरण और फसल चक्र अपनाकर काफी हद तक जमीनों की उर्वरा शक्ति को बरकरार रखा जा सकता है, लेकिन इसके बावजूद भी किसान परंपरागत खेती की परंपरा से मुहं नहीं मोड़ पा रहे हैं, और इससे भूमि की उर्वरा शक्ति ख़त्म होती जा रही है. जानकार बताते हैं कि लिहाजा भविष्य में ऐसी कोई योजना लागू हो सकती है जिसमें किसानों द्वारा भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए खेत को खाली रखा जाता है तो सरकार उस किसान को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी.

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मुख्यमंत्री खट्टर ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उच्च अधिकारियों को इस बारे में योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं, CM ने प्रगतिशील किसानों, फसल चक्र अपनाने वाले तथा फसल विविधीकरण के जरिए अधिक पैदावार लेने वाले किसानों के साथ ही वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों से बात करने के निर्देश दिए हैं.

इस योजना की CM ने गत दिवस उपायुक्तों की बैठक में हल्की चर्चा की थी, लेकिन बहुत जल्द कोई बड़ी योजना लाने के संकेत दिए हैं, इस कार्य में बड़े कृषि संस्थानों व कृषि एवं किसान विकास प्राधिकरण की भी सहायता ली जाएगा. हरियाणा सरकार ने पहले से ही यह प्रावधान कर रखा है कि किसानों को अपनी फसल के बारे में सूचना देगी होगी. किसानों को ये तमाम बातें सरकार को बतानी होंगी कि उन्होंने कितनी जमीन में फसल बोई है और कितनी खाली रखी है.

हरियाणा सरकार में लगभग 92 लाख एकड़ भूमि सत्यापित है, जिसमें से तक़रीबन 68 लाख भूमि पर खेती की जा रही है. मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर कोसानों को हर एकड़ में जो फसल बोई हुई है उसकी जानकारी देनी होगी और साथ-साथ में यह भी बताना होगा कि ऐसी कितनी जमीन है जिस पर कोई भी फसल नहीं बोई गयी है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सरकारी अफसरों को निर्देश दिए हैं कि ऐसी 24 लाख एकड़ भूमि का पता लगाया जाना चाहिए.

इसका इस्तेमाल किस रूप में हो रहा है. खट्टर ने कहा कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा योजना को जब पूर्ण माना जाएगा तब एक-एक इंच भूमि की जानकारी पोर्टल पर अपडेट हो जाएगी, कि किस क्षेत्र में कौनसी फसल उगाई गयी है. मुख्यमंत्री का कहना है कि सिर्फ खेती से किसानों की आय बढ़ना मुश्किल है इसके लिए किसानों को बागवानी, पशुपालन, दुग्ध उत्पादन, और मत्स्यपालन जैसे कृषि से जुड़े कार्य भी करने होंगे. पैरी-अर्बन कृषि के लिए शुरू में चार जिलों सोनीपत, झज्जर, गुरुग्राम और फरीदाबाद के लिए योजनाएं तैयार की जा रही हैं गुरुग्राम में तो फूलों की मंडी बनाने की भी योजना है, ताकि वहां स्थानीय जरूरतों के हिसाब से खेती की जा सके.

बता दें कि पिछले सीज़न सरकार ने धान के अलावा अन्य फसलों की बिजाई करने पर किसानों को 7 हज़ार की प्रोत्साहन राशि दी थी. जानकारी के मुताबिक़ उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए यदि कोई किसान खेत खाली रखता है तो सरकार उसे प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी.

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