5वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए सीबीएसइ कर रही “ओपन बुक एग्जाम सिस्टम” की तैयारी

कोरोना संक्रमण को देखते जहां छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है तथा ऑनलाइन संचालन भी उस तरीके से नहीं हो पा रहा है जिस तरीके से छात्र कक्षा में बैठकर पढ़ाई कर सकते हैं. इसलिए एनसीईआरटी ने शैक्षणिक कैलेंडर जारी करते हुए सीबीएसई के छात्रों के लिए कुछ गाइड लाइन तैयार की है. जिससे उनके प्रत्येक तिमाही में होने वाले एग्जाम की कार्य योजना बनाई गई है.

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वैसे तो यह एग्जाम अभी तक लिखित परीक्षा प्रणाली से ही होते थे परंतु इस बार सीबीएसई ने इसे ऑनलाइन लेने की रणनीति बनाई है. क्योंकि बच्चे पढ़ाई ऑनलाइन कर रहे हैं इसलिए एग्जाम भी ऑनलाइन ही होंगे जिससे उनका मूल्यांकन सही तरीके से हो सके. इसी को देखते हुए इस बार स्कूल के टर्म व असेसमेंट एग्जाम में ओपन बुक सिस्टम को लागू करने का निर्णय लिया गया है. हालांकि बच्चों से परीक्षा में वस्तुनिष्ठ सवालों को ही पूछा जाएगा जिससे कम समय में परीक्षा का संचालन पूरा हो सके.

क्या होता है ओपन बुक सिस्टम

ऐसी प्रणाली में अधिकतर सवाल विचारात्मक श्रेणी के होते हैं जिनमें तथ्यपरक जानकारी की अपेक्षा कम होती है इसलिए अगर छात्रों के पास पुस्तक है तो भी वे इससे बहुत ज्यादा मदद नहीं ले सकते. यही वजह है कि अगर किसी छात्र ने पढ़ाई नहीं की है तो वह इस प्रकार की परीक्षा में पुस्तकों में देखकर भी नकल नहीं कर पाते.

क्या हैं खामियां

इस परीक्षा की सबसे बड़ी खामी यह है कि कोई छात्र अपने घर पर किसी एक्सपर्ट का सहयोग लेता है तो परीक्षा का न्यायोचित औचित्य खत्म हो जाता है.

परन्तु इसके अनेक फायदे भी हैं और वर्तमान संकट के समय में तो इससे बेहतर कोई विकल्प हो ही नहीं सकता जिससे छात्रों का मूल्यांकन किया जा सके. इसलिये सीबीएसई का यह कदम क़ाबिल ए तारीफ़ है.

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