Coronil Patanjali Test: जाने क्या रहा, स्‍वामी रामदेव द्वारा बनाई कोरोनिल के ट्रायल में

चंडीगढ़ | योगगुरु स्‍वामी रामदेव ने पतंजलि योगपीठ की इम्‍युनिटी बढा़ने वाली दवा कोरोनिल (Coronil Patanjali Test) के ट्रायल को लेकर एक बहुत बड़ा खुलासा किया है. जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पतंजलि योगपीठ द्वारा तैयार की गई कोरोनिल के क्लीनिकल ट्रायल का दूसरा चरण अब पूरा हो चुका है. इस समय यह ट्रायल फेफड़े रहित जेबरा फिश यानी एक मछली पर किया गया है. इस मछली के अंदर आदमी के फेफड़ों के सेल को पहले प्रवेश करवाया गया था. उसके पश्चात् उन्हेंं कोरोना संक्रमित किया गया.

Corona Virus Vaccine

इन संक्रमित मछलियों को कोरोनिल दवा की डोज को दिया जा रहा था. ऐसे में कुछ कोरोना संक्रमित मछलियां अलग से रखी गई, यह वह थी जिन्हेंं यह दवाई नहीं दी गई थी. जिन संक्रमित मछलियों को कोरोनिल की डोज दी गई थी, वह समय रहते पूरी तरह से स्वस्थ रहीं किन्तु, जिन्हेंं यह डोज नहीं मिली, तो समय से पूर्व ही उन सभी मछलियों की मृत्यु हो गई.

योग गुरु बाबा रामदेव ने चंडीगढ़ में किया दावा कहा “सौ प्रतिशत रहे है रिजल्ट”

हरिद्वार के पतंजलि योगपीठ के मुख्य योग गुरु स्‍वामी रामदेव जी ने उनकी संस्था द्वारा तैयार की गई कोरोनिल दवा के दूसरे क्लीनिकल ट्रायल के सफल होने की पुष्टि ख़ुद चंडीगढ मे की है. चंडीगढ़ में गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज जी से मिलने पहुंचे बाबा रामदेव ने इस बात पर असहमति जताई है कि जब कोरोनिल दवा को मार्केट में लॉन्च किया गया था, तब उस पर बेवजह ही बवाल खड़ा कर दिया गया था. उस समय बहुत से लोगों के द्वारा हमें विवाद में घसीटने की कोशिश की गई थी.

आगे, संवादाताओं से बातचीत में योग गुरु बाबा रामदेव जी ने कहा कि इस दवा को मार्केट में लॉन्च करने से कमाई करने जैसी कोई मंशा हमारी नहीं थी. हमने कोरोनिल किट का भाव केवल 535 रूपए तय किया है. लोगों द्वारा इसे सस्ते मे खरीद कर लगभग पांच हजार रूपए तक के ब्लैक भाव में बेचा है. अगर हमारा लाभ कमाने जैसा कोई और इरादा होता तो हम भी इसके रेट पांच हजार रुपए या उससे अधिक निर्धारित कर सकते थे, किन्तु कोरोनिल दवा को तैयार करने के पीछे हमारा मुख्य उद्देशय आम जनता को कोरोना से बचाना ही है.

कोरोनिल के ट्रायल का दूसरा फेज भी हुआ पूरा, विदेशो ने दिखाई हरी झंडी

स्‍वामी रामदेव के मुताबिक़, कोरोनिल 100 प्रतिशत इम्युनिटी बूस्टर यानी सरल शब्दों में कहें तो एक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा है. इस दवाई से कोरोना के संक्रमित मरीज भी स्वस्थ हुए हैं. देश भर में लगभग एक करोड़ लोगों की जान कोरोनिल के सेवन से बचाई गई है . जल्द ही अब दवाई की साहायता से ठीक हुए मरीजों के पूरे आंकड़े सार्वजनिक कर दिया जाएंगे. विदेशों में भी कोरोनिल की डिमांड अब बढ़ रही है. वहां की सरकारों ने भी कोरोनिल के यूज को हरी झंडी दिखा दी है.

2021 तक आम आदमी तक कोरोना वैक्सीन पहुंचना है असंभव

योग गुरु के मुताबिक़ जल्द ही हम स्पष्ट डाटा के साथ कोरोनिल के दूसरे ट्रायल की जानकारी को सार्वजनिक करेंगे. उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि 2021 तक भी आम लोगों को कोरोना की वैक्सीन यानी कोरोना की दवाई मिलने की संभावना नील है. यहां सबसे बड़ी वजह सिर्फ़ यही है कि भारत की आबादी बहुत ज्यादा है. ऐसे में 2021 में यदि पहली पंक्ति में काम करने वाले हेल्थ कार्यकर्ताओं और सरकारी तंत्र से जुड़े लोगों को ही कोरोना वैक्सीन मिल जाए तो यह भी बहुत बड़ी बात होगी.

ऐसे में बाकि सभी लोगों को सुबह शाम प्राणायाम करने की सलाह दी जाती है. उन्होंने दावा भी किया है कि आयुर्वेद को अपनाने और जीवन शैली में बदलाव लाने से कोरोना संक्रमित लोगों की जान बचाई जा सकती है. योग इम्युनिटी को भी बढ़ाता है.

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