हरियाणा: कॉलेज और विश्वविद्यालयों में होंगी अंतिम वर्ष की परीक्षाएं, विरोध भी हुआ शुरू

हरियाणा उच्चतर शिक्षा विभाग ने अब कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और तकनीकी कॉलेजों में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं करवाने का फैसला लिया है. इसको लेकर उच्चतर एवं तकनीकी शिक्षा निदेशालय ने अधिकारिक नोटिस जारी कर दिया है. इस नोटिस में साफ़- साफ़ बताया गया है कि फाइनल सेमेस्टर वाले छात्रों की परीक्षा आयोजित होगी. आपको बता दे कि कॉलेज टीचर एसोसिएशन हरियाणा ने इस नोटिस का विरोध किया है. एसोसिएशन नेताओं का कहना है कि इस समय माहौल बिलकुल भी परीक्षा के लायक नहीं हैं.

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जैसा कि आप सभी जानते है कि हरियाणा उच्चतर शिक्षा विभाग जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश के उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी विश्वविद्यालय और उनके कॉलेजों के सभी कोर्स में अंतिम वर्ष और फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं कराने का फैसला लिया गया है. यह अधिकारिक नोटिस प्रिंसिपल सेक्रेटरी आईएएस अंकुर गुप्ता ने जारी किया है. इस नोटिस के अनुसार परीक्षा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से कराए जा सकते हैं, जिसका फैसला विश्वविद्यालय अपने संसाधनों के अनुसार ले सकते है. कॉलेजों में फाइनल सेमेस्टर और अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 6 जुलाई को जारी यूजीसी की गाइडलाइन के तहत ही कराई जाएंगी. हरियाणा सरकार ने राज्य के विश्वविद्यालयों पर यह फैसला लेने का अधिकार छोड़ दिया है कि वह किस विकल्प में परीक्षाएं आयोजित कराना चाहते हैं.

सभी स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल का पालन किया जाना होगा जरूरी

परीक्षाओं के आयोजन के दौरान सरकार की तरफ से जारी सभी स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल का पालन किया जाना जरूरी होगा. यूजीसी की गाइडलाइन में ओपन बुक एग्जाम और मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन पैटर्न पर एग्जाम कराने के निर्देश हैं. अब परीक्षाएं इनमें से किसी भी पैटर्न पर कराई जा सकती हैं. यूनिवर्सिटी चाहे तो परीक्षा केंद्रों पर भी पेपर- पैन आधारित परीक्षाएं भी करा सकेंगी.

आपको बता दे कि हरियाणा सरकार ने 13 जून को यह फैसला लिया था कि प्रदेश के उच्च और तकनीकी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में फाइनल एग्जाम 1 जुलाई से कराए जाएंगे. इसके 10 दिन बाद ही 23 जून को हरियाणा सरकार ने इंटरमीडिएट और फाइनल सेमेस्टर की सभी परीक्षाएं रद्द करने का बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के सभी छात्रों को प्रमोट करने और उनका रिजल्ट तैयार कर डिग्री देने का फैसला लिया था. इस फैसले के बाद छात्रों ने पढाई करनी छोड़ दी. मगर अब फिर परीक्षा करवाने के आदेश दिए हैं. इससे सभी छात्र बहुत ही ज्यादा परेशान है.

परीक्षाओं के विरोध में उतरी कॉलेज-टीचर एसोसिएशन

कोरोना महामारी में कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षा करवाने संबंधी आदेशों का कॉलेज- टीचर एसोसिएशन हरियाणा ने विरोध जताया है. आपको बता दे कि प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजबीर सिंह के अनुसार यूजीसी ने गाइडलाइंस में जितने नियम बताए हैं, उन्हें सभी कॉलेजों खासकर ग्रामीण अंचल वाले महाविद्यालयों के लिए पूरा करना बिलकुल भी संभव नहीं है क्योकि यहाँ ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरीको से छात्रों को दिक्कत आएगी.

प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजबीर सिंह, वरिष्ठ उपप्रधान डॉ. राजपाल ढांडा ने राज्यपाल, शिक्षा मंत्री व उपकुलपतियों को पत्र लिखकर अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं को बिना परीक्षा के उत्तीर्ण करने की मांग रखी है. पत्र में एसोसिएशन के नेताओं ने कहा कि पहले व दूसरे वर्ष के छात्रों को बिना परीक्षा प्रोमोट किया गया है, जिसका हम स्वागत करते हैं लेकिन सरकार ने अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षाएं सितंबर में कराने का फैसला लिया है जो कि बहुत गलत है.

उन्होंने कहा कि आज के दिन कोरोना का प्रकोप लगातार फैलता जा रहा है. कोरोना के शिकार लोगों व इससे जुड़ी मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के छात्र लगभग तीन महीने से अपने घर पर हैं और वो अपना सिलेबस भी पूरा नहीं कर पाए हैं क्योंकि उनके पास पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं है.

उन्होंने कहा कि कोरोना का डर, पढ़ाई के दबाव, लॉकडाउन व परीक्षाओं को लेकर अनिश्चितताओं की वजह से विद्यार्थियों पर मानसिक तनाव पहले ही बहुत ज़्यादा है. उन्होंने कहा कि अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को परीक्षाओं के तुरंत बाद अपनी आगे की पढ़ाई के लिए प्रवेश परीक्षाएं भी देनी है, जिसका अतिरिक्त दबाव भी उन पर पहले से है. डॉ. राजबीर सिंह ने कहा कि अंतिम वर्ष के छात्रों की अगर परीक्षाएं ली गई तो इससे विद्यार्थियों के स्वास्थ्य, परीक्षा प्रदर्शन व आगे की पढ़ाई के लिए प्रवेश परीक्षा में प्रदर्शन पर काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है.

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