नई शिक्षा नीति को लागू करने वाला पहला प्रदेश बना हरियाणा, जानिए क्या-क्या बदलेगा?

चंडीगढ़ । नई शिक्षा नीति लागू करने वाला हरियाणा पहला प्रदेश बन गया है. अगले 4 साल में शिक्षा के क्षेत्र में अमूल चूल बदलाव होने वाले हैं. आंगनबाड़ी से लेकर के माध्यमिक और उच्चतर शिक्षा का स्वरूप बदलेगा. रोजगार के बदलते परिवेश में बच्चों को दक्ष बनाने के लिए छठी कक्षा से व्यावसायिक शिक्षा शुरू की जाएगी. वर्ष 2025 तक ड्रॉप आउट रेट को शून्य पर लाने का लक्ष्य है. परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के जरिए हर बच्चे की ट्रैकिंग कर उन्हें स्कूल में ले जाया जाएगा.

School Students

शिक्षा नीति 4 साल में होगी लागू

नई शिक्षा नीती को अमलीजामा पहनाने में जुटे महकमों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने पूरी की पूरी रिपोर्ट रखी और उस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस तरह से राष्ट्रीय नई शिक्षा नीती को 4 साल में पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा. पंचकूला में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रदेश में औपचारिक रूप से नई शिक्षा नीति लॉन्च करते हुए विशेष शिक्षा क्षेत्र में क्रांति कदम बताया. इस दौरान हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर बीके कुठियाला, स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव महावीर सिंह, उच्च शिक्षा तथा तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के आयुक्त राकेश गुप्ता ने अपने अपने महकमों से जुड़ी तैयारियों की पूरी रिपोर्ट सबके सामने रखी.

छठी कक्षा से व्यवसायिक शिक्षा मिलेगी

नई शिक्षा नीती में छठी कक्षा से ही विद्यार्थियों को व्यवसायिक शिक्षा देने का लक्ष्य रखा गया है. यानी छठी कक्षा से ही विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा दी जाएगी  ताकि उनका भविष्य मजबूत हो सके. उनको रोजगार आसानी से उपलब्ध हो सके. दरअसल छठी कक्षा से ही रोजगार के बारे में शिक्षा दी जाएगी.  

ट्रैकिंग कर बच्चों को पकड़कर लाया जाएगा स्कूल

नई शिक्षा नीती में यह प्रावधान रखा गया है कि हर बच्चे की पीपीपी के जरिए ट्रैकिंग कराई जाएगी और उन्हें स्कूल में लाया जाएगा. कार्यक्रम में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर, महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा और भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मुकुल कानितकर के साथ अधिकतर विश्वविद्यालय के कुलपति और शिक्षाविद प्रत्यक्ष रूप से साक्षी बने. इसके साथ ही यूट्यूब और फेसबुक के जरिए सीधे प्रसारण के जरिए सरकारी और निजी स्कूलों में छात्राओं शिक्षकों एवं एमएमसी सदस्यों ने नई शिक्षा नीती की बारीकियां समझीं.

CM के सामने रखी रिपोर्ट

नई शिक्षा नीती को अमलीजामा पहनाने में जुटे महकमों ने मुख्यमंत्री के सामने रिपोर्ट रखी. मुख्यमंत्री ने कहा कि नई नीति में शिक्षा एवं रोजगार के साथ-साथ विद्यार्थियों को संस्कारवान और स्वावलंबी बनाना है ताकि विद्यार्थी दुनिया में भारत को पुन: विश्व गुरु बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें सकें. आजादी के समय लॉर्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति “तीन आर” राइटिंग, रीडिंग और अर्थमैटिक पर केंद्रित थी. इसमें नागरिक का संपूर्ण विकास नहीं हो सकता था.

सीएम ने आगे कहा कि अब ऐसी शिक्षा नीती की आवश्यकता है, जिससे युवा पीढ़ी शिक्षित बनें. साथ ही उसमें राष्ट्रीयता की भावना भी पैदा हो जाए. इसी उद्देश्य से केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई है. प्रदेश में नई शिक्षा नीति को पूर्ण रूप से लागू करने के लिए पर्याप्त स्कूल कॉलेज व अन्य शिक्षण संस्थान उपलब्ध है. अगर फिर भी कहीं कोई कमी अगर है तो तुरंत उसे पूरा भी किया जाएगा.

हर साल 29 जुलाई को मनाया जाएगा नई शिक्षा नीति दिवस

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हर वर्ष 29 जुलाई को नई शिक्षा नीति दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है. इस दिन शिक्षानीति के लक्ष्य उद्देश्य की प्रगति की समीक्षा की जाएगी. सीएम ने कहा कि नई शिक्षा नीती की सिफारिशों पर हरियाणा में पहले से कार्य हो रहा है. यहाँ तक कि हरियाणा द्वारा की गई सिफारिशों को भी NEP में शामिल किया गया है.

उन्होंने आगे कहा कि हरियाणा में अभी उच्चतर शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी 32 फीसद है. जिसे जल्द से ही 50 फीसद किए जाने का लक्ष्य प्रदेश सरकार ने रखा है. इसके लिए प्रदेश सरकार ने महिला कॉलेज खोले हैं और लड़कियों को कॉलेज तक पहुंचने के लिए परिवहन सुविधाएं भी मुहैया करवाई हैं. प्रदेश में बहु- विषयक शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना पर भी काम किया जा रहा है.

गौरतलब है हरियाणा सरकार ने नई शिक्षा नीती लागू कर दी है. प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसे कल ही पंचकूला में लॉन्च किया है. यह 2025 तक हरियाणा में पूरी तरह लागू हो जाएगी. इसे आंगनबाड़ी से लेकर के उच्च शिक्षा तक का स्वरूप बदल जाएगा.

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