हरियाणा में 11 प्रतिशत स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली, खट्टर सरकार पर उठे सीधे सवाल 

चंडीगढ़ । हरियाणा में लाखों माता- पिताओं के बच्चे स्कूलों में पढ़ते हैं. उनकी सरकार से बड़ी उम्मीदें होती हैं, कि स्कूल में भरपूर स्टाफ होगा. पढ़ाई अच्छे से चल रही होगी. सरकार एजुकेशन पर ध्यान दे रही होगी. स्कूलों में अध्यापकों की कोई कमी नहीं होगी. लेकिन हरियाणा के स्कूलों में स्टाफ की बहुत कमी है. प्रदेश में स्कूल तो हैं लेकिन स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापक नहीं हैं. 

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संयुक्त राष्ट्र की संस्था “यूनेस्को” की एक रिपोर्ट ‘स्टेट ऑफ द एजुकेशन रिपोर्ट फॉर इंडिया’ के मुताबिक़ ‘नो टीचर, नो क्लास’ में देश के राज्यों के शिक्षा से जुड़े चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा में 61 प्रतिशत स्कूल ऐसे हैं जहां शिक्षक महिलाएं हैं. वहीं, यहां 11 प्रतिशत स्कूल ऐसे हैं जहां शिक्षकों के पद ही खाली पड़े हैं. यानी स्कूलों को जल्द शिक्षकों की जरूरत है और इस जरूरत को पूरी करने के लिए राज्य सरकार को भर्तियां करानी होंगी. विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने शिक्षकों की कमी को लेकर खट्टर सरकार पर सीधे-सीधे सवाल उठाए हैं. 

461 स्कूल ऐसे जहां सिर्फ है 1 शिक्षक

‘यूनेस्को’ की विश्व शिक्षक दिवस पर जारी रिपोर्ट में बताया गया ​है कि, बहरहाल हरियाणा के स्कूलों में 8 हज़ार 777 टीचर्स के पद खाली हैं., वहीं, यहां के 23 हज़ार 534 स्कूलों में से 461 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें केवल एक ही अध्यापक है. ‘स्टेट ऑफ द एजुकेशन रिपोर्ट फॉर इंडिया: नो टीचर, नो क्लास’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस संख्या का 95% हिस्सा ग्रामीण स्कूलों का है। कुल शिक्षकों के खाली पदों में से 53% ग्रामीण स्कूलों में हैं. हालांकि, एक अच्छी खबर भी सामने आई है. वह यह कि हरियाणा में कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के शिक्षकों में 61% महिला शिक्षक हैं. 

इन पैमानों पर भी हुआ सर्वे

यू​नेस्को की रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में महिला शिक्षकों की हिस्सेदारी सबसे अधिक चंडीगढ़ और गोवा में क्रमश: 82 व 80 प्रतिशत है. यूनेस्को द्वारा यह सर्वे देश के साढ़े 15 लाख से अधिक निजी व सरकारी स्कूलों पर किया गया. सर्वे के लिहाज से अगर देश के सभी राज्यों के स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों की संख्या देखें तो, 11,16,846 टीचर्स के पद खाली हैं. उक्त रिपोर्ट में ये स्थितियां भी देखी गईं कि, क्लासरूम की कंडीशन कैसी है, गर्ल्स टॉयलेट फंक्शनल हैं या नहीं, कितने स्कूलों में ही बॉयज टॉयलेट उपयोग करने योग्य हैं और स्कूलों में बिजली है या नहीं है. साथ ही स्कूलों तक पहुंचाने वाले रास्ते कैसे हैं. 

हरियाणा के 98% स्कूलों में बिजली

उपरोक्त रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा के स्कूलों में 24 प्रतिशत क्लासरूम अच्छी कंडीशन में नहीं हैं. हालांकि, इसके अलावा जो पैमाने हैं उन पर हरियाणा खरा उतरा है. जैसे कि, यहां 95% स्कूलों के ही ल​ड़कियों के टॉयलेट फंक्शनल हैं. इसके अलावा 92% स्कूलों में ही लड़कों के टॉयलेट उपयोग करने योग्य हैं. साथ ही यहां के 98% स्कूलों में बिजली है और 98% स्कूलों तक रोड कनेक्टिविटी है.

अन्य राज्यों की स्थिति

यूनेस्को की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि, हरियाणा के ​अलावा यूपी, पंजाब और राजस्थान में भी बड़े पैमाने पर शिक्षकों के पद खाली हैं. जिन पर शीघ्र नियुक्ति कराए जाने की जरूरत है. 

राज्य खाली पद

पंजाब 4442, हिमाचल 311, उत्तर प्रदेश 3,23,577, राजस्थान 21789, उत्तराखंड 7,027

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