गुरूग्राम: पटौदी- हेलीमंडी नगरपालिका को नगर परिषद में विलय करने की अधिसूचना जारी

गुरूग्राम | पटौदी क्षेत्र के लोगों के लिए अच्छी खबर है. राज्य सरकार ने पटौदी-हेलीमंडी नगर पालिका और आसपास के 10 गांवों को नगर परिषद में विलय करने की अधिसूचना जारी कर दी है. बुधवार को जारी अधिसूचना में सरकार ने जिला उपायुक्त के माध्यम से आम जनता से आपत्तियां व सुझाव मांगे हैं.

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नव निर्मित नगर परिषद का नाम पटौदी मंडी होगा. अगर प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो यह सोहना के बाद जिले की दूसरी नगर परिषद होगी. इससे पहले सोहना नगर पालिका को 2014 में अपग्रेड कर नगर परिषद का दर्जा दिया जा चुका है. बता दें कि पटौदी में करीब 25 हजार और हेलीमंडी नगर पालिका क्षेत्र में 20 हजार की आबादी है. 10 और गांवों को जोड़ने के बाद आबादी 50 हजार से ज्यादा हो जाएगी.

ज्ञात हो कि पटौदी क्षेत्र के विधायक सत्य प्रकाश जरावता कई बार घोषणा कर चुके हैं कि वह पटौदी हेलीमंडी और आसपास के गांवों को मिलाकर नगर परिषद बनाएंगे ताकि पटौदी क्षेत्र विकास की दौड़ में पिछड़ न जाए और पटौदी मंडी एक बड़ा शहर बन सके. हालांकि पटौदी हेलीमंडी के अधिकांश निर्वाचित प्रतिनिधि और प्रस्तावित पंचायतों के पंचायत चुनाव लड़ने के इच्छुक लोग इसके पक्ष में नहीं थे. उन्होंने तर्क दिया कि छोटी इकाइयाँ अधिक सफल होती हैं. साथ ही उन्हें शायद लगा कि चुनाव का दायरा बढ़ने पर उन्हें ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी. इससे उनके चुनाव जीतने की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए.

इसको लेकर नगर परिषद का विरोध करने वालों ने केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का दरवाजा भी खटखटाया था. विधायक सत्य प्रकाश जरावाता के प्रयास रंग लाए हैं और सरकार ने नगर परिषद बनाने का मन बना लिया है. सरकार ने आपत्ति और सुझाव मांगे हैं, जो गुरुग्राम के उपायुक्त के माध्यम से स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव को भेजे जा सकते हैं.

आपको बता दें कि सोहना और झज्जर जैसे कई शहर हैं जो पहले नगर पालिका थे, लेकिन राजनीतिक नेतृत्व के प्रयासों के कारण अब नगर परिषद बन गए हैं. पटौदी और हेलीमंडी अभी भी नगरपालिकाएं हैं. यह हाल तब है जब विस्तार के चलते पटौदी और हेलीमंडी लगभग जुड़ गए हैं. इसी तरह नरहेड़ा और रामपुर आदि गांव भी इनसे सटे हुए हैं.

पटौदी क्षेत्र के लोग पिछले कुछ समय से पटौदी को जिला बनाने की मांग कर रहे थे. नगर परिषद के गठन के बाद ऐसे लोग बेहतर ढंग से अपनी आवाज उठा सकेंगे. इसके अलावा हेलीमंडी नगरपालिका क्षेत्र में पुराने जटौली और हेलीमंडी क्षेत्र के लोगों के बीच शहर के नाम को लेकर विवाद चल रहा है. इसको लेकर आंदोलन हो चुके हैं.

जटौली के लोग शहर का नाम बदलकर जटौली मंडी करना चाहते हैं..उनका तर्क है कि यह शहर जटौली गांव की सीमा में स्थित है और हेली एक ब्रिटिश गवर्नर थीं.उनके नाम के आगे शहर का नाम ठीक नहीं है. जबकि कुछ लोग यह भी चाहते हैं कि हेलीमंडी का नाम न बदला जाए..अब प्रस्तावित नगर परिषद के गठन और नया नाम पटौदी मंडी रखने से उनका विवाद भी खत्म हो जाएगा.

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