किसान की बेटी बनी हरियाणा टॉपर, देश की सेवा करना चाहती है काजल

रोहतक | गांव देहात की बेटियां भी किसी से कम नहीं हैं. वे आधुनिक स्कूलों में पढ़ने वाले शहरी बच्चों को भी मात दे रहे हैं. ऐसा ही एक उदाहरण रोहतक जिले के महम खंड के गांव निंदाना के केसीएम पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा काजल ने पेश किया है. काजल ने हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड के 12वीं कक्षा के वार्षिक परीक्षा परिणाम में राज्य भर में पहला स्थान हासिल किया है. काजल ने 500 में से 498 अंक हासिल किए हैं. काजल कला संकाय की छात्रा हैं. काजल की इस उपलब्धि पर गांव में जश्न का माहौल है.

hbse kajal

खुशी की लहर

इसकी सूचना जैसे ही स्कूल प्रबंधन व ग्रामीणों को मिली तो छात्रा का मिठाई बांटकर व फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया गया. शिक्षकों और माता-पिता ने काजल की मेहनत को श्रेय दिया है, जबकि काजल ने शिक्षकों और माता-पिता को श्रेय दिया है. कहा जाता है कि यह उनकी कड़ी मेहनत थी. इसके साथ ही उन्हें अपने शिक्षकों से अच्छा मार्गदर्शन मिला और काजल को अपने माता-पिता का पूरा सहयोग मिला. छात्रा की इस उपलब्धि पर स्कूल निदेशक वजीर सिंह नाहरा और प्रिंसिपल महेंद्र शर्मा ने काजल और उसके माता-पिता को बधाई दी है.

काजल का ये है सपना

राज्य भर में हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड के 12वीं कक्षा के वार्षिक परीक्षा परिणाम में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली काजल ने बताया कि वह सेना में लेफ्टिनेंट बनकर देश की सेवा करना चाहती हैं. इसके लिए उन्होंने अपना लक्ष्य पहले ही निर्धारित कर लिया है. उसका लक्ष्य लेफ्टिनेंट बनना है, वह निश्चित रूप से अपने लक्ष्य को प्राप्त करेंगी.

पिता सातवीं तो माता नौवीं पास

काजल के पिता रावत महज सातवीं पास हैं और मां गुड्डी ने 9वीं तक पढ़ाई की है. लेकिन उनकी प्रेरणा से ही उनकी बेटी ने 12वीं कक्षा में राज्य भर में पहला स्थान हासिल किया है. यानी काजल के माता-पिता की वजह से ही आज इतनी बड़ी सफलता की है.

दसवीं में दूसरे स्थान पर रही

काजल के पिता रावत नेहरा खेती करते हैं. किसान परिवार में जन्में काजल ने मेहनत और लगन से पढ़ाई कर राज्य में टॉप किया है. काजल शुरू से ही पढ़ाई में अच्छी थी दसवीं में भी उसने राज्य में दूसरा स्थान हासिल किया था.

परीक्षा के समय उंगली की समस्या से परेशान

परीक्षा से करीब डेढ़ महीने पहले काजल की उंगली में समस्या थी. जिसे ठीक होने में काफी समय लगा. जिससे उन्हें परीक्षा परिणाम पर भी असर पड़ने की चिंता सता रही थी, लेकिन काजल ने अपनी मेहनत जारी रखी और अच्छा प्रदर्शन किया.

कैसे हासिल की सफलता

काजल ने बताया कि किसी भी उपलब्धि को हासिल करने के लिए पहले प्लानिंग करनी पड़ती है. वह टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई करती थी. वह रात के एक बजे तक नियमित रूप से पढ़ाई करती थी. काजल ने बताया कि वह 18 घंटे तक पढ़ती थी. जिस कारण कड़ी मेहनत से आज काजल हरियाणा की टॉपर हैं.

तीन साल पहले भी स्कूल से निकले टापर

बताया जाता है कि वह इस स्कूल को 1995 से चला रहे हैं. तीन साल पहले दसवीं कक्षा में भी उनके स्कूल की छात्राओं ने पूरे राज्य में नाम कमाया था. यह सब काजल की मेहनत और उनके मेहनती स्टाफ की वजह से संभव हो पाया है. छात्रों और शिक्षकों की कड़ी मेहनत का ही परिणाम है कि उनके स्कूल का नाम राज्य में सबसे ऊपर आया है. पूर्व सरपंच वजीर ने बताया कि वे पहले से लक्ष्य निर्धारित कर जाते हैं. उनका लक्ष्य है कि प्रदेश में उनके स्कूल का नाम पहले आए. एक बार वे राज्य में सातवें स्थान पर थे. इसके बाद उन्होंने तीसरा स्थान हासिल किया. इस बार पहला और तीसरा स्थान उन्हीं के स्कूल से है.

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