हरियाणा की सड़कों से हटेंगे बेसहारा गौवंश, गौशालाओं में जाएंगे भेजे; सरकार देगी अतिरिक्त फंड

हिसार | हरियाणा सरकार ने सड़कों पर घूम रहे बेसहारा गौवंश खासकर सांडों को पकड़ने के लिए गौ सेवा आयोग को टास्क दिया है. इसके तहत, पूरे प्रदेश में एक साथ सांडों को पकड़ने का अभियान छेड़ा जाएगा. बाद में इन्हें गौशालाओं में भेजा जाएगा. सरकार (Haryana Govt) बदले में गौशालाओं को अतिरिक्त अनुदान राशि देगी.

Besahara Pashu

सड़कों से हटेंगे बेसहारा गौवंश

गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार ने इस अभियान को लेकर हिसार में एक बैठक बुलाई थी जिसमें जिला प्रशासन के तमाम अधिकारियों समेत गौशालाओं के संचालक भी मौजूद रहे. बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सड़क पर एक भी पशु नहीं दिखना चाहिए. इसकी शुरुआत बेसहारा गौवंश से की जाएगी.

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उन्होंने कहा कि पशु मालिकों के पशुओं को अभी न छेड़ा जाएं. शुरुआत में आवारा पशुओं को पकड़े. अगर कोई विरोध करें तो किसी से उलझे बगैर पशु को छोड़ दें. इसके बाद, एक स्पेशल अभियान चलाया जाएगा. इसके तहत, पशु मालिकों को नोटिस दिए जाएंगे. तब कोई खुले में पशु छोड़ेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. बाकायदा पुलिस सुरक्षा निगम कर्मचारियों को मुहैया कराई जाएगी.

गौशालाओं को यह सुविधा देगी सरकार

  • नंदी लेने वाली गौशालाओं को सरकार 20 रूपए बछड़ा, 30 रूपए गाय और 40 रूपए नंदी के हिसाब से खर्चा देगी.
  • जो गौशाला पशु लेगी, उसे 10 रूपए बछड़ा, 20 रूपए गाय और 25 रूपए नंदी के हिसाब से प्रतिदिन का खर्च दिया जाएगा. एक अगस्त से 31 दिसंबर तक का पशुओं की संख्या के हिसाब से एकमुश्त पैसा दिया जाएगा.
  • गोशाला में 1 हजार गोवंश है या इससे कम है, उसे सरकार की ओर से एक ई- रिक्शा उपलब्ध कराई जाएगी. इससे ज्यादा गौवंश वाली गौशालाओं को 2 ई- रिक्शा दी जाएगी.
  • गौशालाओं पर किसी प्रकार को कोई प्रॉपर्टी टैक्स नहीं लगेगा.
  • गौशाला की जमीन खरीदते समय किसी तरह का सीएलयू नहीं होगा.
  • गौशालाओं में दो ट्यूबवेल कनेक्शन तक करवा सकेंगे.
  • गौशालाओं में बिजली का बिल 2 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से आएगा.
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पोर्टल पर अपलोड अनिवार्य

श्रवण कुमार गर्ग ने कहा कि गौशाला में जितने पशु आएंगे उसका पोर्टल पर अपडेट करना जरूरी है. अगर पोर्टल पर अपडेट नहीं किया, तो ग्रांट नहीं आएगी चाहे आपे पशुओं की टैगिंग क्यों ना कर ली हो. पोर्टल पर डाटा अपलोड होने पर यह रिपोर्ट एसडीओ पशु पालन विभाग के पास आएगी. जांच की जाएगी और जो रिपोर्ट मेरे पास पहुंचेगी, उसी आधार पर अनुदान राशि गौशाला संचालकों के बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि गौशाला संचालकों के साथ कोई जबरदस्ती नहीं की जाएगी. उन्हें जो ठीक लगे, उसी हिसाब से गौवंश रख सकते हैं.

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