Career Tips: बनना चाहते हैं दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल, तो रखना होगा इन नियमों का ध्यान

नई दिल्ली, Career Tips | जिन भी उम्मीदवारों का सपना दिल्ली पुलिस (Delhi Police) में शामिल होने का है, उनके लिए आज हम एक जरूरी जानकारी लेकर आए हैं. अगर आप भी दिल्ली पुलिस में शामिल होना चाहते हैं, तो आपको हमारी यह खबर जरूर देखनी चाहिए. आज हम आपके लिए दिल्ली पुलिस भर्ती से संबंधित एक अपडेट लेकर आए हैं. दिल्ली पुलिस में भर्ती के लिए नियमों में कुछ बदलाव किया गया है. दिल्ली उच्च न्यायालय की तरफ से दिल्ली कांस्टेबल के पदों पर भर्ती होने वाले उम्मीदवारों के लिए एक अहम फैसला सुनाया गया है.

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भर्ती के लिए नियमों में बदलाव

दिल्ली उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच ने कहा है कि कलर विजन से पीड़ित आवेदकों को दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के रूप में नियुक्ति नहीं दी जा सकती है. न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के इस निष्कर्ष से मना नहीं किया जा सकता कि दोषपूर्ण रंग दृष्टि एक दोष है. ऐसे में याचिकाकर्ता साफ रूप से एक दोष से पीड़ित हैं, जो उन्हें दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल के रूप में नियुक्ति के लिए अयोग्य घोषित करता है.

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केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के आदेश को दी गई चुनौती

दिल्ली की उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने आगे बताया कि दिल्ली पुलिस सहित सुरक्षा बलों में उम्मीदवारों की मेडिकल फिटनेस के मानक नागरिक पदों के लिए आवेदन करने वालों की अपेक्षा ज्यादा कठोर  और ऊंचे होने चाहिए. केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के आदेश को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता ने एक रिट याचिका दायर की थी, जिसके जरिये उसने दिल्ली पुलिस में नियुक्ति की मांग करने वाले एक आवेदन पर विचार करने से मना कर दिया था.

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रिट याचिकाएं तुरंत प्रभाव से खारिज

याचिकाकर्ताओं के वकील के जरिये दलील पेश की गई कि कलर विजन (दोषपूर्ण रंग दृष्टि) ‘रंग अंधापन’ नहीं है. ऐसे में उन्हें दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए. दिल्ली पुलिस द्वारा केंद्र सरकार के स्थायी वकील आशीष दीक्षित एडवोकेट के जरिये रिट याचिका का विरोध किया और तर्क पेश किया गया कि कलर विजन (रंग दृष्टि) एक दोष है और इसलिए विज्ञापन के संदर्भ में उम्मीदवारों में इस प्रकार का दोष नहीं होना चाहिए. इस पर गौर करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि हमें ट्रिब्यूनल के निर्णय में दखलअंदाजी करने की कोई वजह नहीं मिली है, जिसके अनुसार यह रिट याचिकाएं तुरंत प्रभाव से खारिज कर दी जाती हैं.

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