सावधान: कच्चा दूध पीने से हो सकती है आपको बड़ी बीमारी, जानिए विशेषज्ञों की राय

हिसार । बच्चों  को क्षय रोग से बचाने के लिए बीसीजी यानि बेसिल कैलमेट ग्युरिन का टीका दिया जाता है।लेकिन बता दे कि पशुओं में भी पिछले कुछ सालों से टीबी के मामले बढ़ गए हैं. ऐसे में संक्रमित पशुओं का दूध पीने की वजह से लोग भी इस टीबी का शिकार हो रही है. टीबी से ग्रस्त पशुओं का डायग्नोज काफी कम होता है. इस वजह से अब तक टीबी की रोकथाम के लिए कोई भी टीका नहीं है. लेकिन अब भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पशु विज्ञान  विभाग  पशुओं में इस बीमारी पर प्रमुखता से ध्यान दे रहा है.

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कच्चा दूध पीने से हो सकता है टीबी जानिए कारण

बता दें कि मनुष्य में टीबी की रोकथाम के लिए नवजात बच्चों को बीसीजी का टीका लगाया जाता है. अब इसी टीके का प्रयोग पशुओं पर भी किया जा सकेगा. इसके लिए आईसीएआर से जुड़े संस्थान शोध किया जा रहा है . जल्द ही बीसीजी टीका पशुओं को लगाया जाने लगेगा. वही डॉक्टर त्रिपाठी का कहना है कि भारत में कई स्थानों पर पशुओं में टीबी मिला है. डायग्नोज होने के कारण यह मनुष्य के लिए भी एक बड़ा खतरा है.

इसीलिए बीसीजी को पशुओं पर प्रयोग किया जा रहा है. टीबी खासकर गाय और भैंसों को अपना शिकार बना रहा है. हरियाणा में कई बार देखा गया है कि लोग कच्चा दूध पीते हैं,  ऐसे में उन्हें टीबी हो सकता है. इसलिए बिना उबला दूध बिल्कुल भी ना पिए. बता दे कि आईसीआर में पशु विज्ञान  विभाग में उप महानिदेशक डॉ बी एन त्रिपाठी हिसार मे राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान परिषद पहुंचे.

उन्होंने बताया कि बीसीजी टीका को पशुओं में देने पर विज्ञान काफी आगे बढ़ चुका है. जल्द ही इस में सफलता प्राप्त होगी. उन्होंने कहा कि बीसीजी वैक्सीन में प्रयोग होने वाला बैक्टीरिया मक्टोटे बोविस गाय से आता है. यह बैक्टीरिया गाय में टीबी करने का काम करता है. लगातार 15 वर्ष तक विश्व में कई वैज्ञानिक इस बैक्टीरिया पर काम करते रहे हैं.

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