झज्जर जिले के इस गांव में लगेगा बायोगैस प्लांट, ग्रामीणों को मिलेगी सस्ती रसोई गैस की सुविधा

झज्जर | जिला उपायुक्त झज्जर, कैप्टन शक्ति सिंह ने बुधवार को स्वच्छ भारत मिशन प्रबंधन समिति की एक बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान उन्होंने जिले में स्वच्छता को लेकर प्रगति रिपोर्ट के साथ अधिकारियों के संग समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशानिर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पूरे जिले को ओडीएफ प्लस बनाना है और इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में ठोस कचरा प्रबंधन पर विशेष फोकस करना होगा.

Biogas Plant

उपायुक्त ने कहा कि जिले में गोवर्धन प्रोजेक्ट के जरिए ठोस कचरे से बायोगैस उत्पादन प्लांट की रिपोर्ट का अध्ययन कर अंतिम रूप दें. यह बायोगैस प्लांट गांव मातनहेल में बतौर पायलेट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा. गांवों में बायोगैस प्लांट शुरू होने से ठोस कचरे का ठीक से प्रबंधन होगा. वहीं बायोगैस का उत्पादन होने से ग्रामीणों को सस्ती रसोई गैस का लाभ मिलेगा. इसको प्रोत्साहन देने की जरूरत है.

डीसी ने पंचायती राज अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों से कहा कि इस प्रोजेक्ट रिपोर्ट का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करें ताकि पायलेट प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द शुरू किया जा सकें. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे प्रोजेक्ट शुरू होने से गोशालाओं की आमदनी में इजाफा होगा तो वहीं ग्रामीणों को सस्ती रसोई गैस मिलेगी. ग्रामीण परिवेश में ठोच कचरे का ठीक से प्रबंधन हो सकेगा.

मातनहेल में बनेगा प्लांट

पंचायती राज कार्यकारी अभियंता संजीव शर्मा ने बताया कि गोवर्धन प्रोजेक्ट के जरिए मातनहेल में प्रस्तावित बायोगैस प्लांट पर डीसी के साथ रिपोर्ट पर चर्चा हुई है. उन्होंने बताया कि मातनहेल गांव में गौशाला के पास करीब पौना एकड़ जमीन पर बायोगैस प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई गई है.

इस प्रोजेक्ट के जरिए 10 टन ठोस कचरे (गोबर, पोल्ट्री वेस्ट, फूड वेस्ट, ग्रीन वेस्ट, बायोग्राफी एबल सॉलिड वेस्ट) से 400 क्यूबिक (12 रसोई गैस सिलेंडर के बराबर ) गैस का प्रतिदिन उत्पादन होगा. इसके अतिरिक्त, ठोस खाद और लिक्विड खाद का भी उत्पादन होगा. इससे प्लांट को आमदनी होगी वहीं ग्रामीणों को भी सस्ती रसोई गैस मिलेगी.

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