खेतों में खड़ी फसल का पता लगाएगी टीम, ब्यौरा ना मिलने पर नहीं होगी खरीद

झज्जर । अब कृषि विभाग के साथ-साथ अन्य विभागों की टीमें भी सर्वे करने के लिए आगे आ चुकी है. खेतों में खड़ी फसलों की सही सही जानकारी को पोर्टल पर अपलोड करना ही इस टीम का मुख्य कार्य है. पटवारी इससे पहले भी पोर्टल पर अपनी रिपोर्ट को अपलोड कर चुके हैं. अब इस टीम सर्वे का मुख्य उद्देश्य यह है कि पोर्टल पर केवल खेतों में बिजाई की गई फसलों का डाटा ही अपलोड हो और पटवारी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट की सही प्रकार से जांच की जा सके, ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की कठिनाई ना हो.

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किसानों पटवारियों द्वारा दर्ज रिकॉर्ड का होगा मिलान

किसानों की फसलों को इसी रिपोर्ट के आधार पर खरीदा जाएगा. सरकारी दामों पर अपनी फसलों को बेचने के लिए सभी किसानों को मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण करवाना भी जरूरी है. जिस किसान का पोर्टल पर पंजीकरण नहीं होगा उस किसान की फसलों को भी नहीं खरीदा जाएगा. किसानों द्वारा मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपलोड किए गए रिकॉर्ड का मिलान पटवारियों द्वारा अपलोड किए गए रिकॉर्ड से किया जाएगा.

रिकॉर्ड मिलान न होने पर किसानों को हुई थी परेशानी

आपको बता दें कि पिछली बार ऐसा हुआ था कि पटवारियों ने रिकॉर्ड में कोई फसल दर्शाई हुई थी और किसानों ने खेतों में कुछ और ही फसल होने का ऑनलाइन पंजीकरण करवाया हुआ था. इसलिए फसलों को बेचने में किसानों को काफी परेशानी हुई थी. फ़सलें बेचने के लिए किसान इधर उधर धक्के खाते रहे. अब फिर से इस प्रकार की कोई समस्या ना हो इसलिए ग्राम सचिव, नंबरदार, सिंचाई विभाग, पंचायती राज विभाग एवं कृषि विभाग आदि की टीमों का गठन किया गया है, जो हर गांव गांव में खेतों का सर्वे करने के लिए जाएगी.

टीमों को दी गई है ट्रेनिंग

सर्वे में जो फसलें मिलेगी, उनको मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा. जिससे फसलों को बेचने के लिए किसानों को कठिनाई ना उठानी पड़े. विभाग ने इसके लिए टीमों को ट्रेनिंग भी दी है. इस ट्रेनिंग में टीम मेंबर्स को यह बताया गया है कि सर्वे के दौरान पोर्टल पर किस प्रकार से रिकॉर्ड को अपलोड करना है.

डीडीए इंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए कहा है कि खेतों में खड़ी फसलों का सर्वे करने हेतु टीमें बनाई गई है. यह टीमें खेतों में जाकर फसलों का सर्वे करेगी और इसकी जानकारी को पोर्टल पर अपलोड करेगी. यदि टीम द्वारा तैयार किए गए रिकॉर्ड और पटवारी द्वारा दर्ज किए गए रिकॉर्ड में अंतर मिलता है, तो उसे भी ठीक कर दिया जाएगा. इसके साथ ही इस पर उपायुक्त द्वारा कार्यवाही भी होगी.

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