हरियाणा सरकार ने 113 करोड़ की लागत से 10 नए कार्यों को दी मंजूरी, इन चार जिलों को मिलेगा फायदा

चंडीगढ़ | हरियाणा की मनोहर सरकार ने सूबे में जल आपूर्ति में सुधार के प्रयासों के तहत एक बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री ने प्रदेश के चार जिलों रोहतक, जींद, कैथल और सिरसा में ग्रामीण संवर्धन कार्यक्रम के तहत 10 नए कार्यों के लिए 113 करोड़ रूपए से अधिक की धनराशि को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है.

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सिरसा जिले में इन कार्यों को मंजूरी

स्वीकृत कार्यों में तीन गांवों (ठोबरियां, मिर्जापुर और तलवाड़ा खुर्द) तथा 4 ढाणियों (मोजू की ढाणी, टिब्बा की ढाणी, दया सिंह थेड़, बाजीगर ढाणी) के लिए नहर आधारित जलापूर्ति योजना, 32.34 करोड़ रुपये की लागत से सिरसा के विभिन्न गांवों में जलापूर्ति के लिए मोजू की ढाणी में वॉटर वर्क्स का निर्माण, 30.65 करोड़ रुपये की लागत से जिला सिरसा के गांव खारी सुरेरां में मौजूदा जल आपूर्ति योजना का विस्तार और सामान्य पंपिंग स्टेशन बनाकर 9 मौजूदा वॉटर वर्क्स (भुरटवाला, पोहरकन, मीठी सुरेरा, खारी सुरेरा, ढाणी लाख जी, किशनपुरा, मिठनपुरा, ढाणी शेरांवली और करमसाना) को शेरांवाली डिस्ट्रीब्यूटरी से ताजा पानी उपलब्ध करवाने के कार्य शामिल हैं.

इनके अलावा, 12.71 करोड़ रुपये की लागत से जिला सिरसा में गांव संत नगर और दलीप नगर में नहर आधारित वॉटर वर्क्स, 3.17 करोड़ रुपये की लागत से गांव टिगरी, जिला सिरसा में नहर आधारित वॉटर वर्क्स तथा 4.97 करोड़ रुपये की लागत से गांव सहरानी, जिला सिरसा में नहर आधारित वॉटर वर्क्स कार्य और 9.29 करोड़ रुपये की लागत से कैथल जिले के गांव ढांड ब्लॉक में जल आपूर्ति योजना का विस्तार और वितरण प्रणाली का उन्नयन कार्य भी शामिल हैं.

वहीं 4.32 करोड़ रुपये की लागत से सिरसा जिले के गांव मौजदीन में नहर आधारित वॉटर वर्क्स, जिला सिरसा के गांव ओट्टू में 5.17 करोड़ रुपये की लागत से नहर आधारित वाटर वर्क्स, रोहतक जिले के गांव बालंद में 2.61 करोड़ रुपये की लागत से बूस्टिंग स्टेशन के निर्माण के साथ-साथ रोहतक पंप हाउस से दूसरे वाटर वर्क्स और पहले वाटर वर्क्स तक डीआई पाइप बिछाने के साथ JLN नहर से ताजे पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के कार्य को भी मंजूरी दी गई है.

जींद शहर में बिछेगी नई सीवर लाइन

सीएम मनोहर लाल ने जींद शहर की विभिन्न कालोनियों में सीवर लाइन बिछाने और सभी क्षतिग्रस्त मौजूदा सीवर लाइनों को बदलने की भी मंजूरी दी है. जिन कालोनियों में सीवर लाइनें बहुत पुरानी हो चुकी है और बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है तथा जिनकी मरम्मत नहीं की जा सकती या मरम्मत की लागत नई लाइनें बिछाने के बराबर आ रही है. इसलिए 8.21 करोड़ रूपए की लागत से नई सीवर लाइनों के प्रावधान को मंजूरी प्रदान की गई है.

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