जींद की सुनीता मशरूम की मिठाईयों से देश- विदेश में हुई फेमस, अब राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

जींद | हरियाणा के जींद जिला के इगराह गांव की सुनीता मशरूम की विभिन्न प्रकार की मिठाईयां बनाकर खूब नाम कमा रही हैं जिससे उनकी पहचान विदेशों में भी हो रही है. मौजूदा समय में अंबाला के गांधी मैदान में मेले का आयोजन किया जा रहा है जिसमें गांव इगराह से सुनीता, उनके पति अशोक और बेटा आए हैं. वे लोगों को मशरूम की मिठाई, मशरूम कैच और अन्य उत्पादों का स्वाद चखा रहे हैं.

Sunita Jind

राष्ट्रपति से मिला सम्मान

खास बात यह है कि सुनीता को प्रगतिशील महिला किसान के रूप में सोमवार को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में सम्मानित किया गया. यह सम्मान उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों से प्राप्त हुआ. इधर, रविवार रात वह अंबाला के लोगों को मशरूम जलेबी चखाती नजर आईं. बताया कि वह अपने काम के दम पर ही आज यहां तक ​​पहुंची है.

साल 2010 में घर में उगाया था मशरूम

सबसे पहले सुनीता और उनके पति अशोक ने साल 2010 में 250 वर्ग गज के घर से मशरूम की खेती शुरू की. अच्छा मुनाफा होने के बाद हरियाणा में करनाल और अब हिमाचल प्रदेश में भी मशरूम उगाते हैं. यहां सब कुछ ठीक चल रहा था कि उन्होंने देखा कि देश में प्रति व्यक्ति साल में महज 8 से 12 ग्राम मशरूम ही खाता है. जब इसका कारण पूछा तो पता चला कि बहुत से लोग मशरूम को मांसाहारी मानते थे. यहीं से उन्होंने ठान लिया कि वह लोगों को इस गलत धारणा के बारे में जागरूक करेंगी.

मशरूम की मिठाई बनाने का आया था आइडिया

सुनीता और उनके पति अशोक को साल 2015 में आइडिया आया कि क्यों न मशरूम की ऐसी मिठाई बनाई जाए जो लोगों को स्वस्थ भी रखे. इस तरह उन्होंने एक स्टार्टअप की शुरुआत की. उन्होंने एचएयू के एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर से भी ट्रेनिंग ली और आज 12 किस्म के मशरूम से मिठाई बनाते हैं जिसमें मशरूम जलेबी, मशरूम के लड्डू, बर्फी, कलाकंद, मशरूम के रसगुल्ले आदि शामिल हैं.

जींद में दो जगहों पर उनकी दुकान भी है जहां से विदेशों में मशरूम निर्यात किया जाता है. इससे पहले भी राज्यपाल सुनीता को सम्मानित कर चुके हैं. एग्री समिट में भी सुनीता अपना हुनर ​​दिखा चुकी हैं.

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