Navratri 2024: इस बार 11 या 12 कब है अष्टमी व नवमी तिथि, इस वजह से बनी असमंजस की स्थिति

ज्योतिष | वैदिक पंचांग के अनुसार, अबकी बार शारदीय नवरात्रि (Navratri 2024) की शुरुआत 3 अक्टूबर से हुई थी, परंतु लोगों में अष्टमी और नवमी को लेकर काफी संचय बना हुआ है. आज की इस खबर में हम आपको बताएंगे कि अबकी बार अष्टमी और नवमी तिथि कब है. अबकी बार नवरात्रि में तिथि कुछ इस प्रकार से चल रही है कि जिस वजह से विजयदशमी के दिन नवरात्रि का पर्व भी खत्म होता जा रहा है, एक ही दिन में दो तिथियां लग रही है.

Navratri Durgastmi

नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के स्वरूपों की पूजा- अर्चना करने का विधान बताया गया है. अगर कोई भी वक्त सच्चे मन से मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा अर्चना करता है और व्रत करता है, तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.

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लगाए इन चीजों का भोग

देवी महागौरी को नारियल की बर्फी और नारियल की खीर का भोग लगाना काफी अच्छा माना जाता है. इसके अलावा, आपको पूजा थाली में लड्डू, फल,  मिठाई आदि चीजों को भी शामिल कर लेना चाहिए. ऐसा करने से मां गौरी प्रसन्न हो जाती है. अगर हम विधि-  विधान से मां गौरी की पूजा अर्चना करते हैं, तो हमारे घर में सुख समृद्धि बढ़ती है. साथ ही, हमें लंबी आयु का वरदान भी मिलता है.

कब है अष्टमी और नवमी तिथि

अगर आपके घर में भी अष्टमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है, तो आपको 11 अक्टूबर शुक्रवार के दिन कन्याओं को अपने घर बुलाना चाहिए. अगर आपके घर में नवमी के दिन पूजन किया जाता है, तो आपको 12 अक्टूबर शनिवार को सुबह 10:58 मिनट से पहले कन्या पूजन कर लेना है. उसके बाद, दशमी तिथि शुरू हो जाएगी, नवमी तिथि 12 तारीख को सुबह 10:58 तक ही रहने वाली है.

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अवश्य करें मां सिद्धिदात्रीकी आरती

जय सिद्धिदात्री तू सिद्धि की दाता तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता, तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि !!

कठिन काम सिद्ध कराती हो तुम जब भी हाथ सेवक के सर धरती हो तुम, तेरी पूजा में तो न कोई विधि है तू जगदम्बे दाती तू सर्वसिद्धि है!!

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रविवार को तेरा सुमरिन करे जो तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो, तुम सब काज उसके कराती हो पूरे कभी काम उसके रहे न अधूरे !!

तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया रखे जिसके सर पर मैया अपनी छाया, सर्व सिद्धि दाती वो है भाग्यशाली जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली!!

हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरामहा नंदा मंदिर में है वास तेरा, मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता वंदना है सवाली तू जिसकी दाता !!

डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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